महाराष्ट्र में सरकारी सेक्टर की तीन पावर कंपनियों के कर्मचारी संघो ने 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इस संदर्भ में एक अधिकारी ने कहा कि कंपनियों के निजिकरण के विरोध में इस हड़ताल की चेतावनी दी है। बता दें कि हड़ताल का एक कारण एशिया के सबसे रईस शख्स की कंपनी अडानी ग्रुप भी है। वहीं सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हड़ताल से निपटने के लिए उनकी पूरी तैयारी है। साथ ही ये भी चताया है कि हड़ताल पर जाने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। हड़ताल टालने के लिए सोमवार को ऊर्जा विभाग की प्रधान सचिव आभा शुक्ला, तीनों बिजली कंपनियों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक सहित अन्य अधिकारियों ने बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, लेकिन बैठक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है।कर्मचारी संगठनो का कहना है कि उन्होंने डेढ़ माह पूर्व ही सरकार को इस बारे में नोटिस दिया था, लेकिन सरकार कीतरफ से इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
इन कंपनियों के कर्मचारियों ने दी चेतावनी?
इन कंपनियों के कर्मचारी संघों की कार्य समिति माहाराष्ट्र राज्य कर्मचारी, अदिकारी एवं अभियंता संघर्ष समिति ने हड़ताल का आह्वान किया है। महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव कृष्ण भोईरे ने पीटीआई-भाषा से कहा, “चालकों, वायरमैन, अभियंताओं और अन्य कर्मचारियों की 30 से अधिक यूनियन सरकारी विद्युत कंपनियों के नीजीकरण के प्रयास को विफल करने के लिए एक साथ हैं। महाराण्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कॉपोरेशन लिमिटेड और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड सरकारी विद्युत कंपनियां हैं।
हड़ताल पर कर्मचारी
भोईस ने कहा कि इन कंपनियो के कर्मी पिछले दो-तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और सोमवार को 15,000 से अधिक कर्मियों ने ठाणे में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, “इन तीन विद्युत कंपनियों के करीब 86,000 कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता निजीकरण के खिलाफ बुधवार से 42,000 अनुबंधित कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों के साथ 72 घंटे की हड़ताल पर चले जायेंगे।
जानिए पूरा मामला
प्रदर्शनकारी कर्मियों की एक बड़ी मांग है कि अडानी ग्रुप की सहायक कंपनी को पूर्वी मुंबई के भांडुप, ठाणे और नवी मुंबई में मुनाफा कमाने के लिए समानांतर वितरण लाइसेंस नहीं दिया जाए। पिछले साल नवंबर में अडानी समूह की एक कंपनी ने मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत वितरण का अपना कारोबार बढ़ाने के लिए लाइसेंस मांगा था। अडानी ट्रांसमिशन की सहायक कंपनी अडानी इलेक्ट्रिसिटी नवी मुंबई लिमिटेड ने भांडुप, मुलुंद, ठामे, नवी मुंबई, पनवेल, तलोजा तथा उरन शहरी क्षेत्रों में महावितरण के क्षेत्राधिकार में विद्युत वितरण के वास्ते समानंातर लाइसेंस के लिए महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग में आवेदन दिया था।
भोईर ने कहा, इस अंदोलन में कोई वित्तीय मांग नही हैं लेकिन हम चाहते हैं कि राज्य के लोगों के स्वामित्व वाली ये विद्युत कंपनियां टिकी रहें। इन्हें पूंजीपतियों के हाथों में नहीं बेची जानी चाहिए क्योंकि पूंजीपती बस मुनाफा कमाने की मंशा रखते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने राज्य सरकार को दिये गये हड़ताल नोटिस में कार्यसमिति ने 18 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल ती चेतावनी भी दी है।