माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को बुधवार सुबह चित्रकूट की जेल से कासगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। दरअसल चित्रकूट जेल में पत्नी निकहत से प्राइवेट कमरे में मुलाकात का भंडाफोड़ होने के बाद प्रशासन ने ये कदम उठाया गया है। अब्बास अंसारी को कड़ी सुरक्षा घेरे के बीच जेल से बाहर निकलकर कासंगज शिफ्ट किया गया है।
बढ़ी कासगंज जेल की सुरक्षा व्यवस्था
इस बीच मैनपुरी के डीएसपी संतोष कुमार ने बताया कि अब्बास अंसारी चित्रकूट कारागार में बंद थे। लेकिन आज सुबह उन्हें कासगंज जेल में शिफ्ट किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे मैनपुरी में पुलिस तैनात है। वहीं अब्बास को कासगंज शिफ्ट करने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है।
इससे पहले अब्बास अंसारी को चित्रकूट जेल से शिफ्ट करने के लिए पुलिस टीम सुबह पांच बजे ही रगौली जेल पहुंच गई थी। जहां से अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी के नेतृत्व में अब्बास को कासगंज भेजा गया।
चित्रकूट कारागार से कासगंज जेल तक का सफर…
बता दें कि अब्बास अंसारी को अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी, सीओ मऊ शीतला प्रसाद पांडे और 4 थानों की भारी पुलिस फोर्स के साथ 10 गाड़ियों के सुरक्षा घेरे में रवाना किया गया था। दो वज्र वाहन अब्बास अंसारी के कैदी वाहन के आगे और पीछे लगाए गए। इसके साथ ही कई थानों की पोस्ट को साथ में लगाया गया था। ताकि रास्ते में किसी तरह की गड़बड़ न हो सके। अब्बास को चित्रकूट से भरतकूप एक्सप्रेस वे के जरिए बांदा, महोबा, हमीरपुर होते हुए इटावा की कासगंज जेल तक ले जाया गया।
अब्बास अंसारी को क्यों शिफ्ट किया कासगंज जेल
बता दें कि अब्बास अंसारी मनी लॉन्ड्रिग केस में चित्रकूट जेल में बंद था। इस बीच पिछले दिनों उसे जेल में अपनी पत्नी निकहत के साथ प्राईवेट कमरे में मुलाकात करते हुए पकड़ा गया। जेल प्रशासन की मिलीभगत के चलते अक्सर उसकी पत्नी जेल में अवैध तरीके से मिलने आती थी। इसकी भनक आला अधिकारियों को लगी तो उन्होंने छापेमारी कर निकहत को गिरफ्तार कर लिया। निकहत के पास से दो मोबाइल फोन व विदेशी मुद्रा सहित आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया। इसके बाद उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया।