हमीरपुर जिले में मत्स्य विभाग द्वारा नदियों पर शिकार के लिए पूर्णतया शासन द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही नदी पर रोक के दौरान शिकार करने पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। नदियों में 1 जून से 3 महीने तक शिकार पर रोक लगाई गई है। बताया जाता है इस दौरान नदियों में शिकार से जलीय जीवो की संख्या में तेजी से कमी आती है और नदियों का जलस्तर बढ़ने का भी खतरा बना रहता है, जिससे शिकार के दौरान घटना हो सकती है। इसके बावजूद भी नदियों में जमकर मछलियों का शिकार हो रहा है और सड़क के किनारे रखकर बेची जा रही हैं।
जलीय जीवों के शिकार पर लगी रोक
यूपी के हमीरपुर जिले में मौसम को देखते हुए मत्स्य विभाग ने 1 जून से 31 अगस्त तक नदियों में जलीय जीवों के शिकार पर रोक लगाई गई है, शासनादेश के अनुसार इस दौरान नदियों में शिकार करने वालों के खिलाफ पकड़े जाने पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी, नदियों में मत्स्य संपदा के संरक्षण के लिए 3 महीने रोक लगाई जाती है, जिससे मत्स्य संपदा का संतुलन बना रहे, जिले में बड़े पैमाने पर ठेकेदार मछलियों का शिकार करते हैं इस शिकार पर रोक के लिए शासनादेश जारी कर तत्काल रोक के निर्देश दिए गए हैं।
इस वजह से लगाई रोक
3 महीने तक नदियों में मछलियों का संतुलन बनाए रखने के लिए रोक लगाई जाती है, यदि इस समय इनका शिकार किया जाएगा तो जलीय जंतुओं का संतुलन बिगड़ जाता है, नदियों पर शिकार के लिए शासन द्वारा रोक लगाई गई है और शिकार करने वालों के ऊपर कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए गए हैं, इसके बावजूद भी जमकर प्रतिबंधित मछलियां सड़कों के किनारे बेची जा रही है, जिन पर अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।