गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 13 की मर्लिन सोसायटी में अवैध निर्माण के मामले में आवास विकास परिषद ने बिल्डर को नोटिस जारी किया है। दरअसल परिषद अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि सोसायटी में 150 से ज्यादा अवैध फ्लैट है। जितना मैप अप्रूव्ड था उससे 2 गुना ज्यादा निर्माण हुआ है। जिन्हें गिराने के लिए कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसकेजी होम्स के डायरेक्टर एसके गुप्ता का कहान है कि उन्होंने इमारत की री कंपाउंडिंग के लिए आवेदन किया है। ऐसे में कोई भी फ्लैट ध्वस्त नहीं होगा।
”नोटिस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं’
बता दें कि वसुंधरा सेक्टर 13 के प्लाट संख्या जीएच-1 पर मैसर्स एसकेजी होम्स प्राइवेट लिमिटेड ने मर्लिन सोसायटी का निर्माण किया है। जिसको लेकर आरोप है कि बिल्डर ने नक्शे का उल्लंघन किया है और मनमाने तरीके से कहीं वन तो कहीं टू बीएचके फ्लैट बनवा दिया दिए।
इसे लेकर कई बार नोटिस भी जारी किए गए है। लेकिन अभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
‘कंपाउंडिंग के अंतर्गत हुआ निर्माण, अवैध कुछ नहीं है’
इस बीच आवास आयुक्त रणबीर प्रसाद ने जानकरी दी है कि अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। जिसमें 17 मंजिला इमारत को धवस्त किया जल्द ही इसपर कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई अधिकारी अवैध निर्माण में लिप्त पाया जाता है तो उसपर भी सख्त कार्रवाई होगी। वहीं दूसरी तरफ बिल्डर का कहना है कि उसने जो भी निर्माण किया है वह कंपाउंडिंग के अंतर्गत आता है जिसमें नक्शे से अधिक हुए कुछ निर्माण को शुल्क लेकर वैध करार कर दिया जाता है। वह 2015 से ही कंपाउंडिंग के लिए आवेदन कर चुके हैं। जिन्हें कुछ कारणों के चलते निरस्त कर दिया गया था। लेकिन अब दोबारा आवेदन कर दिया गया है।
9 सेकेंड के पीछे महिनों की तैयारी
बता दें कि बीते दिन शुक्रवार को एक नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें यह लिखा गया था कि टावर के अवैध निर्माण को गिराने के लिए ट्विन टावर को तोड़ने वाली कंपनी की मदद ली जाएगी। हालांकि अभी तक अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
गौरतलब है कि नोएडा के सेक्टर 93A में बने सुपरटेक बिल्डर के एपेक्स और सियान टावर के अवैध निर्माण को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ध्वस्त किया गया था। जिसमें 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। कंपनी ने दोनों अवैध टावरों को गिराने के लिए कई महीनों तक तैयारी की थी। लेकिन इन इमारतों को तोड़ने में महज 9 सेकेंड का ही समय लगा था।