सुप्रीम कोर्ट (SC) ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के खिलाफ दो अपीलों को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि यह योजना मनमानी नहीं है। वहीं सार्वजनिक हित अन्य विचारों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि अग्निपथ योजना शुरू होने से पहले रक्षा भर्ती प्रक्रिया (Defense Recruitment Process)में चयनित हुए उम्मीदवारों को नियुक्ति का अधिकार नहीं है।
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने फरवरी में अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) की वैधता को बरकरार रखा था। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने अपने आदेश में कहा था कि अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) राष्ट्रीय हित में तैयार की गई थी। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दो याचिकाएं दायर हुई थी।
आज याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। इस दौरान गोपाल कृष्ण और वकील एमएल शर्मा (Gopal Krishna and advocate ML Sharma) की याचिका पर पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने अग्निपथ योजना के सभी पहलुओं पर विचार किया था। हम हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
हालांकि पीठ ने अग्निपथ योजना को शुरू करने से पहले भारतीय वायु सेना में भर्ती से जुड़ी एक तीसरी ताजा याचिका को 17 अप्रैल तक सूचीबद्ध कर लिया है। फिलहाल पीठ ने केंद्र सरकार से भारतीय वायुसेना में भर्ती से जुड़ी तीसरी याचिका (Third Petition) पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।