उद्योगपति अनिल अंबानी भारी भरकम कर्ज तले दबे हुए है। जिसके चलते उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) बिकने की कगार पर खड़ी है। इसके लिए संकल्प प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 29 अगस्त थी। रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को खरीदने के लिए उधारदाताओं को इसके लिए 14 प्रस्ताव मिले हैं। बोली लगाने वालों में पीरामल ग्रुप की अगुवाई वाला कंसोर्टियम शामिल है। तो वहीं ओकट्री कैपिटल, टॉरेंट इनवेस्टमेंट्स, इंडसइंड इंटरनेशनल और कॉस्मी फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी बोली लगाई है।
हालांकि इन 14 कंपनियों में से कुछ ऐसी है जो रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को पूरी तरह खरीदने चाहती है तो वहीं कुछ ऐसी है जो कुछ क्लस्टर्स खरीदने के लिए बोली लगा रहे है। रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के सौ फीसदी स्टेक को खरीदने के लिए एडवेंट इंटरनेशनल और ज्यूरिख इंश्योरेंस ने रिलायंस बोली लगाई है। वहीं नवीन जिंदल ग्रुप की कंपनी जिंदल पावर रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ-साथ रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के लिए बोली लगाई है। साथ ही ऑथम इनवेस्टमेंट ने भी कंपनी के लिए बोली लगाई है।
आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं जिसमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के बोर्ड को आरबीआई ने 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था। साथ ही इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी। सेंट्रल बैंक ने नागेश्वर राव को कंपनी का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया था। वहीं नागेश्वर राव बोलीकर्ताओं को पूरी कंपनी या अलग-अलग कंपनियों के लिए बोली लगाने का विकल्प दिया था।
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