एक समय था जब उत्तर प्रदेश में माफियों का भयंकर बोलबाला था। गुंडे और माफिया के गिरोह ने प्रदेश कि व्यवस्था को सर के बल पर खड़ा कर दिया था। वहीं जनता के बीच त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा था और देस दुनिया में प्रदेश की ये अनुशासनहीन ध्वनियां सुर्खियां बटौर रही थी। प्रशासन और सरकार माफियाओं के आगे बेबस होकर या तो तमाशा देखते थे या फिर तमाशे का हिस्सा बनते थे। उस समय प्रदेश में दो नाम अपराध की त्रेणी में माफिया मुख्तार अंसारी और दूसरा अतीक अहमद। जिनकी गुंडागर्दी से प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी थी। फिर बदलाव का नया वसन्त दिखाई दिया जब यूपी की गद्दी पर बाबा यानी योगी आदित्यनाथ विराजमान हुए, तब से इन माफियों के ऊपर काल मंडराना शुरू हो गया।
गैर कानूनी तरीके से की जा रही कार्रवाई- सफदर

जहां एक तरफ प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या से सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ हैतो वहीं योगी आदित्यनाथ का माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे ये चम्तकार शब्द अपना रंग दिखा रहा है। बता दें कि वउमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक अहमद के एक करीबी के मकान पर सरकार का बुलडोजर चला। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने सफदर के मकान को गिरा दिया है। इसपर PDA का कहना है, मकान का नक्शा पास नहीं था। सफदर को कई बार नोटिस भेजा गया। जवाब नहीं मिलने के बाद कार्रवाई की जा रही हैं। वहीं सफदर ने कहा, मुस्लिम होने के नाते प्रशासन ने कार्रवाई की। मेरे मकान का नक्शा पास है। गैर कानूनी तरीके से मकान गिराया गया। ये मकान करेली में 60 फिट रोड पर है। बता दें कि कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। सफदर की जानसन गंज में असलहे की दुकान है।आरोप है कि सफदर अतीक अहमद को असलहा सप्लाई करता था। अतीक का लाइसेंसी असलहा भी सफदर के यहां रखवाया गया था।
विधानसभा में ऐलान किया था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में ऐलान किया था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। इसके बाद पुलिस और प्रशासन एक्शन में दिख रहा है। पहले अतीक अहमद के बेटे के ड्राइवर अरबाज को मुठभेड़ में ढेर किया। इसके बाद अतीक अहमद के करीबी जफर अहमद के चकिया स्थित मकान को बुधवार को बुलडोजर से ढहा दिया था। वहीं बुधवार सुबह माफिया अतीक अहमद के करीबी जफर अहमद के दो मंजिला मकान को प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम ने बुलडोजर से गिरा दिया था। 200 वर्ग गज में बने इस आलीशान मकान की कीमत 3 करोड़ रुपए थी। अतीक अहमद का मकान 2020 में जब ढहाया गया था, तब जफर ने ही उसके परिवार को यहां पनाह दी थी। शाइस्ता परवीन अपने बेटों को लेकर इसी मकान में रहा करती थीं। उमेश पाल हत्याकांड के दिन शूटरों ने इसी मकान में पनाह ली और बाद में अलग-अलग फरार हो गए।