मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक मदन भैया का काफिला जनता को धन्यवाद करने के लिए निकला था। लेकिन भंगेला चेकपोस्ट पर पुलिस ने काफिले को रोक लिया। दरअसल पुलिस ने जिले में धारा 144 का हवाला देते हुए खतौली बाईपास पर बैरिकेडिंग लगा दिए और उन्हें आगे जाने से मना कर दिया। वही भंगेला चेक पोस्ट पर भारी पुलिस फोर्स के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स को भी तैनात थी। अचानक इस तरह से काफिले को रोकने से समर्थक भड़क उठे। जिससे पुलिस और समर्थकों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।
विवाद बढ़ता देख मदन भैया ने समर्थकों को शांत कराया
हालांकि मदन भैया ने समर्थकों को समझाकर शांत कराया और घंटों नोकझोंक के बाद काफिला मेरठ की तरफ रवाना हो गए। काफिला जुलूस की शक्ल में शहर में दाखिल होना चाहता था। मगर ऐसा होने से पहले पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
पुलिस ने समर्थकों को समझाने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं माने। समर्थकों का कहना था कि हमारा काफिला ऐसे ही शहर तक जाएगा। इतने में एक समर्थक बैरिकेडिंग भी हटाने लगता है। हालांकि विवाद बढ़ता देख मदन भैया ने समर्थकों को समझाकर शांत कराया।
‘यह लोकतंत्र की हत्या है’
बता दें कि मदन भैया के निर्वाचित होने के बाद मुजफ्फरनगर शहर में सपा-रालोद ने संयुक्त रूप से स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसी कड़ी में काफिला मुज़फ्फरनगर रालोद दफ्तर से अपने ममें शामिल होने के लिए जा रहा था। वहीं मदन भैया ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसा पहली बार हो रहा है। आज हमें खतौली के बाहर ही रोक दिया गया है। यह साफ तौर पर लोकतंत्र की हत्या है।
‘कार्यक्रम के लिए प्रशासन से नहीं ली अनुमति’
उन्होंने आगे कहा कि जिस व्यक्ति को जनता ने समर्थन देकर विधायक चुना है। उसे लॉ एंड ऑर्डर खराब होने के नाम पर अपनी जनता से मिलने के लिए रोको जा रहा है। पहली बार निर्वाचित जनप्रतिनिधि से लॉ एंड ऑर्डर खराब हो रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि हमें पता है जिला प्रशासन एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर सब कर रहा है।
काफिला वापस लौटाए जाने से रालोद-सपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की है। इस बीच सीओ राकेश सिंह ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू की गई है। इसके अलावा कार्यक्रम को लेकर प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इसलिए काफिले को वापस भेज दिया गया है।