भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरी जगह से आरक्षण मूड में है। इसको लेकर भाजपा जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नौ साल के सफल कार्यकाल को लेकर जनता तक अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर जा रही है। वहीं दूसरी तरफ़ संगठन भी अपने कामों में तेज़ी ला रहा है। माना जा रहा है, कि उत्तर प्रदेश में आगे आने वाले दिनों में शीर्ष नेता का दौरा होने जा रहा है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश भाजपा ने 2019 में हारी हुई अपनी 16 सीटों पर विजय के विस्तार को आज लखनऊ बुलाया है।
आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कुल सोलह सीटों पर हार का सामना किया था इसके बाद 2022 के उप चुनावों में भाजपा ने दो सीटों आज़मगढ़ और रामपुर में सपा के गढ़ में मात देकर कमल खिलाने का काम किया था। जिसके बाद 14 ऐसी सीटें थीं जिनमें भारतीयता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था माना जा रहा है, कि इसके बाद जीत की रणनीति और मेंअस्सी का जो मिशन है। उसको देखते हुए भाजपा ने अपने 14 सीटों पर विस्तार को भेजा था जिसमें हार के कारणों की समीक्षा हार के आधार पर वहाँ के उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाने को कहा गया था।
जिसके चलते आज भाजपा मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी प्रदेश महामंत्री संगठन धरम पाल सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक की मौजूदगी में विस्तारको की एक बैठक बुलायी गई है। जिसमें माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के दौरे के पहले इन 14 सीटों की रिपोर्ट को तलब किया गया है। जिनमें भाजपा ने हार का सामना किया था भाजपा मुख्यालय पर आज की बैठक में उन हारी सीटों की समीक्षा की जाएगी और भेजी गई रिपोर्ट बोको अध्ययन किया जाएगा माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के उत्तर प्रदेश द्वारा कि पहले भाजपा इन सीटों पर पूरी तरीक़े से अध्ययन करके आद्य समय में जिस तरीक़े से शीर्ष नेतृत्व भाजपा का उत्तर प्रदेश द्वारा रहेगा जिनमें प्रवक्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा और भाजपा थिंक टैंक अमित शाह का दौरा महत्वपूर्ण है
आज की बैठक के बाद प्रदेश मुख्यालय अपनी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को देगी और माना जा रहा है कि अगस्त में होने वाली PM मोदी की रैली और जनसभा सत्येन्द्र इन्हें 14 सीटों पर रहेगा देखना दिलचस्प होगा कि जहाँ एक तरफ़ भाजपा मेंअस्सीका वादा करके 14 सीटों पर ज़्यादा फ़ोकस कर रही है तो वही सपा विपक्षी एकता को एकत्रित करते हुए एक बार फिर से उत्तरप्रदेश में अस्सी लोकसभा सीट पर जीत का दंभ भरते नज़र आ रही है एक तरफ़ भाजपा को अपने हावी 14 सीटों को जीतकर कहा खिलाने का चुनौती होगी तो वहीं कहीं ना कहीं जीती हुई 66 सीटों को बचाने की भी बड़ी चुनौती रहेगी !