आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आज प्रेस वार्ता को संबोधित किया इस दौरान नेता सौरभ भारद्वाज ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार में हिन्दुस्तान के इतिहास में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है।
आवेदन करने वाले एक लाख युवाओं में से सिर्फ 75 को सरकारी नौकरी मिल रही है। संसद के आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले 1 लाख युवाओं में से 99,925 बिना नौकरी के घर बैठ रहे हैं।
45 साल में सबसे ज़्यादा है बेरोजगारी
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आठ साल में सरकारी नौकरी के लिए 22 करोड़ से ज़्यादा युवाओं ने आवेदन किया लेकिन केवल 7.22 लाख को ही नौकरी मिली है। उन्होंने कहा कि NSSO डाटा के मुताबिक देश में 45 साल में सबसे ज़्यादा बेरोजगारी है।
तब मोदी सरकार ने यह डाटा नहीं माना था। अब उनका झूठ उजागर हो गया है। नरेंद्र मोदी ने 2014 में हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन हालात यह हैं कि अब लोगों के घर चूल्हे नहीं जल रहे। वहीं केंद्र सरकार बेरोज़गारी कम करने का दावा कर रही है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री पद की तैयारी कर रहे थे तो हर रैली के अंदर वो कांग्रेस को कोसा करते थे कि कांग्रेस ने युवाओं की नौकरियां नहीं लगवाई। आगरा की रैली में उन्होंने लोगों से हाथ उठाकर पूछा कि कांग्रेस ने कहा था कि एक करोड़ रोजगार हर वर्ष देंगे, क्या किसी को मिला? तब लोगों ने हाथ उठाकर कहा नहीं मिला।
इसके बाद पूछा कोई भी शख्स ऐसा है, जिसको केंद्र सरकार ने रोजगार दिया हो? किसी ने हाथ नहीं उठाया। नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया कि मोदी जब प्रधानमंत्री बनेंगे तो युवाओं को रोजगार देंगे। यह काफी प्रचार किया गया कि नरेंद्र मोदी जैसे ही सत्ता में आएंगे, दो करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार दिया जाएगा। युवाओं ने बढ़-चढ़कर भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया।
चौंकाने वाले आंकड़े
उन्होंने कहा कि संसद के अंदर सवाल लगाया गया कि कितनी नौकरियां निकली और कितने लोगों की नौकरियां केंद्र सरकार में लगी। उसके साथ एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी पूछा गया की कितने युवाओं ने नौकरी के लिए आवेदन किया। वह आंकड़े जो है बहुत चौंकाने वाले हैं।
2014-15 में करीब 2.32 करोड़, 2015-16 में 2.95 करोड़, 2016-17 में 2.28 लाख, 2017-18 में 3.94 करोड़, 2018-19 में 5.09 करोड़ लोगों ने केंद्र सरकार के अंदर नौकरियों के लिए आवेदन किया। 2014 से 2021-22 तक 8 साल के दौरान करीब 22.59 करोड़ आवेदन सरकारी केंद्रीय नौकरियों के लिए आए हैं।
वहीं लोग सोचते होंगे कि साढ़े 22 करोड़ में से कुछ करोड़ युवाओं की नौकरियां तो लग ही गई होंगी। यह आंकड़ा सुनेंगे तो आप और भी हैरान हो जाएंगे। इन 8 सालों में मात्र 7 लाख 22 हजार 311 लोगों की नौकरी लगी है। अगर आप इसको प्रतिशत में निकालें की कितने प्रतिशत युवा जो नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, उनमें से कितनों की नौकरियां लगती है।
120 करोड़ की आबादी में 22 करोड़ आवेदन
उन्होंने कहा कि 120 करोड़ की आबादी में 22 करोड़ आवेदन का कितना बड़ा आंकड़ा है। उसके अंदर भी देश की 28 फीसदी आबादी 14 से कम उम्र की है, यानि की 0 से 14 वर्ष की उम्र की 28 फीसदी आबादी है। वहीं 65 से ऊपर की आबादी भी करीब 6.5 फीसदी है। इनमें से अगर आप 30 फीसदी को हटा दें जिनको नौकरियों की जरूरत ही नहीं है।
45 से ऊपर भी कोई सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकता। उसको भी अगर हटा दिया जाए तो मात्र 50 करोड़ लोगों की बात कर रहे हैं। केंद्र सरकार कह रही है कि हमने बेरोजगारी को कम किया है। मुझे लगता है कि देश के अंदर युवाओं की स्थिति बहुत खराब है। लोगों के घर के चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं। उनको घर चलाना मुश्किल हो रहा है। लोगों के पास नौकरियां नहीं है।
अब मोदी सरकार ने दी ये सफाई
कुछ महीने पहले जब एनएसएसओ का डेटा आया तो उसके अंदर बताया गया कि 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के अंदर हिन्दुस्तान में है। तब केंद्र सरकार ने कहा कि यह डाटा वेरीफाइड नहीं है। आज यह डाटा संसद से मिला है जो कि वेरीफाइड है।
उन्होंने कहा कि मीडिया के अंदर यह खबर भी छप रही है कि युवा इतने हताश हैं नौकरी के लिए आवेदन करना भी बंद कर दिया है। नौकरी अब इस देश के अंदर मिलना लगभग नामुमकिन हो गई हैं। आंकड़ों के मुताबिक 1.35 लाख वैकेंसी आर्मी के अंदर थी।
आटे, दूध, दही, पनीर पर GST
इनमें से 1.16 लाख थल सेना, करीब 5 हजार वायु सेना और करीब 13 हजार नेवी में थी। वह सपना भी केंद्र सरकार ने युवाओं का तोड़ दिया। उसके अंदर भी स्थाई नौकरी देने की बात थी। उसको खत्म कर फौज में अग्निवीर योजना के तहत अब कॉन्ट्रैक्ट पर महज 4 साल की नौकरी मिलेगी। उसके अलावा रेलवे में 8.72 लाख पद खाली हैं। कई सालों से केंद्र सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है इनको भरने की।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऊपर से देश में यह हालात हैं कि आटे, दूध, दही, पनीर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया है। अब तक हिंदुस्तान के पूरे देश के इतिहास में रुपया सबसे कम 80 रुपए प्रति डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया है।
कांग्रेस के जमाने से अगर उसकी तुलना करें तो जब कांग्रेस की सरकार गई थी और मोदी प्रधानमंत्री बने थे तब एक डॉलर 63 रुपए का हुआ करता था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार उसमें भी 25 फ़ीसदी की गिरावट अभी लेकर आयी है। इसके अलावा पेट्रोल डीजल के दाम पहले क्या हुआ करते थे। अब डीजल और पेट्रोल दोनों 100 के पार पहुंच चुके हैं।