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 दोषियों की रिहाई पर बोलीं बिलकिस बानो- न्याय पर से डगमगा गया विश्वास

 दोषियों की रिहाई पर बोलीं बिलकिस बानो- न्याय पर से डगमगा गया विश्वास

Bilkis Bano Rape Case: गुजरात दंगों (Gujarat Riot) के दौरान गैंगरेप और परिवार के कई सदस्यों की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा पाए 11 लोगों की रिहाई पर अब बिलकिस बानो (Bilkis Bano) का बड़ा बयान सामने आया है. 11 लोगों की रिहाई पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए बिलकिस बानो ने कहा, इस कदम ने न्याय के प्रति उनके विश्वास को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनका 20 साल पुराना दर्द एक बार फिर उभर गया है. मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि जिन 11 दोषियों ने मेरे परिवार को पूरी तरह से तबाह करके रख दिया और मेरी 3 साल की बेटी को मुझसे छीन लिया उन्हें आजाद कर दिया गया है.

बिलकिस बानो ने कहा, मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं है. मैं सरकार के इस फैसले से पूरी तरह से स्तब्ध हो गई हूं. मैं बस इतना ही कहना चाहती हूं कि किसी भी महिला के लिए न्याय आखिर इस तरह से कैसे खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा से देश की न्यायपालिका पर भरोसा किया, सिस्टम पर भरोसा किया लेकिन अब मैं धीरे-धीरे बड़े आघात के साथ जिंदगी जीने को मजबूर हो रही हूं.

उन्होंने कहा कि दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति को पूरी तरह से छीन लिया है. न्याय के प्रति मेरा विश्वास डगमगा गया है. मेरा डगमगाता हुआ भरोसा केवल मेरे विश्वास को ही नहीं तोड़ रहा है बल्कि उन सभी महिलाओं के भी विश्वास को तोड़ रहा है न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं. बता दें कि गुजरात में 2002 के दंगों के बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले सभी 11 दोषियों को 2008 में दोषी ठहराए जाने के समय गुजरात में प्रचलित माफी नीति के तहत रिहा किया गया है.

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं गुजरात सरकार से अपील करती हूं कि इस हानिकारक फैसले को वापस लें और शांति से, निडर होकर मेरे जीने का अधिकार मुझे वापस लौटाएं. मेरे और मेरे परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें. ये बयान बिलकिस बानो की तरफ से एडवोकेट शोभा ने जारी किया है.’

बिलकिस के पति ने क्या कहा ?

बिलकिस के पति याकूब ने कहा था कि घर पर माहौल बहुत खराब है. हम सब इस फैसले से दुखी हैं. हम पहले भी डर से साये में जी रहे थे. लेकिन अब दोषियों के जेल से रिहा होने के बाद डर और बढ़ गया है. हमें अभी तक कोई सुरक्षा नहीं मिली, हम अभी तक जगह बदल-बदल कर रहते रहे हैं. आरोपियों को दोषी ठहराए जाने के बाद वे और उनका परिवार शांति से रह रहा था. लेकिन अब डर और बढ़ गया है. हमने इस हादसे में सब कुछ गंवा दिया था. हमारी तीन साल की बेटी की जान चली गई. बिलकिस के साथ ये हादसा हुआ.

ये था पूरा मामला

27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था. इस ट्रेन से कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे. इससे कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी. इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे. दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं. बिलकिस बानो और उनका परिवार जहां छिपा था, वहां 3 मार्च 2002 को 20-30 लोगों की भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर दिया. भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया. उस समय बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं. इतना ही नहीं, उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी. बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे.

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