आगरा। धोखे से कई शादियां कर लड़कियों के शोषण की कई घटनाएं आपने सुनी होगी और पढ़ी होगी, कुछ ऐसा ही मामला आगरा में भी सामने आया है। यहां के एक भाजपा विधायक के पुत्र लक्ष्मीकांत वर्मा पर ये आरोप लगा है। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस अभी कार्रवाई से बच रही है। विधायक पुत्र की रासलीला का राज़ तब सामने आया जब पीड़ित महिला क्षेत्राधिकारी सदर कार्यालय पहुंच कर अपनी शिकायत दर्ज कराई।
महिला ने थाना सदर में अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि विधायक पुत्र साल 2003 से उसका यौन शोषण कर रहा है। उस समय वो नाबालिक थी, विधायक पुत्र ने उसे पहले नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाई फिर उसका शारीरिक शोषण किया और वीडियो बना लिया।
क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह के ऑफिस में पहुंची इस महिला ने अपना नाम शालिनी बताया, और अपने आपको सत्ताधारी विधायक के पुत्र लक्ष्मीकांत वर्मा की पत्नी बताया। उसने बताया कि लक्ष्मीकांत वर्मा ने दूसरी शादी कर ली है। सत्ता के दबाव में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही, जबकि विधायक पुत्र से उनके दो बच्चे हैं। मान और सम्मान मांगने पर उनके साथ जमकर मारपीट की जाती है। इस पीड़िता ने भी भारतीय जनता पार्टी की नीतियों का माखौल उड़ाने वाले विधायक और उसके पुत्र पर उचित कार्रवाई की मांग की है।
सीओ सदर ऑफिस पहुंची महिला ने बताया कि विधायक पुत्र लक्ष्मीकांत वर्मा ने उन्हें अपने प्रेम जाल में फंसाया। 2003 से शुरू हुए प्रेम प्रसंग के दौरान कई बार शारीरिक शोषण किया गया।। दबाव बनाए जाने पर 2009 में मंदिर में ले जाकर मांग भर दी और कहा शादी हो गई । इसके बाद वह अपने घर नहीं बल्कि दूसरी जगह उसे पत्नी की तरह रखने लगा। विधायक पुत्र लक्ष्मीकांत वर्मा से उनके दो बच्चे हैं लेकिन कुछ सालों बाद पता चला कि लक्ष्मीकांत वर्मा ने सोनू कटारिया नाम की महिला से दूसरी शादी कर ली। जिसे वह अपने परिवार में रखता है, मान सम्मान देता है और मुझे हक की बात करने पर मारपीट करता है।
पीड़िता शालिनी का आरोप है कि सोनू कटारिया से शादी करने के बाद उससे भी लक्ष्मीकांत वर्मा को एक बेटी है लेकिन वंश चलाने के लिए परिवार को बेटे की चाहत थी पता चला कि सोनू कटारिया मां नहीं बन सकती तो फिर लक्ष्मीकांत वर्मा ने एक बार फिर उसका उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। वंश चलाने के लिए बेटी की चाहत के लिए कई बार जबरदस्ती उसके साथ संबंध बनाने के साथ प्रेग्नेंट होने पर बेटा है या बेटी इसके लिए भ्रूण की जांच तक कराई गई बेटा ना होने पर उसके तीन से चार अबॉर्शन भी करा दिए गए।
पीड़िता द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा कई बार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और थाना ताजगंज के कई बार चक्कर लगाए लेकिन सत्ताधारी दल से जुड़ा होने के चलते दबाव में आई पुलिस ने इस मामले में अभी तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है।
अब देखने वाली बात होगी कि उत्तर प्रदेश पुलिस सत्ताधारी विधायक से जुड़े मामले में दबाव में आकर काम करती है या बगैर किसी पक्षपात और दबाव के पुलिस जांच कर पीड़िता को न्याय देगी ।