दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी को शानदार सफलता मिली है। बता दें कि 7 दिसंबर को घोषित एमसीडी चुनाव परिणाम में बीजेपी के 15 साल के शासन का अंत हो गया है। वहीं चुनाव परिणाम के बाद अह आम आदमी पार्टी ने जनता की उम्मीदों पर खड़ा उतरने के लिए अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को 12 जोन में बांट दिया है। जबकि चुने हुए पार्षदों से तालमेल का जिम्मा 4 नेताओं को सौंपा है। यह चारों नेता अपने जोन के पार्षदों के साथ कॉर्डिनेशन और मीटिंग करेंगे। इसके साथ ही स्थानीय निवासियों की समस्याओं को समझने के लिए अपने क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
AAP ने दिल्ली को 12 जोन में बांटा
AAP की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पार्टी ने दिल्ली को 12 जोन में बांटा है और चार वरिष्ठ नेताओं को तीन-तीन जोन की जिम्मेदारी दी है। आपको बता दें कि वो12 कौन से हैं- सिविल लाइंस, रोहिणी, नजफगढ़, नरेला, केशवपुरम, पश्चिम क्षेत्र, सदर, करोल बाग, शाहदरा उत्तर, मध्य, दक्षिण और शाहदरा दक्षिण। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक AAP नेता आदिल खान सिविल लाइंस, रोहिणी और नजफगढ़ के प्रभारी होंगे, जबकी सौरभ भारद्वाज नरेला, केशवपुरम और पश्चिम क्षेत्र का जिम्मा संभालेंगे। वहीं सदर, करोल बाग और शाहदरा नॉर्थ की जिम्मेदारी दुर्गेश पाठक और सेंट्रल, साउथ और शाहदरा साउथ की जिम्मेदारी आतिशी के पास होगी।
AAP के ये चार वरिष्ठ नेताओं के सीधे संपर्क में रहेंगे पार्षद
वहीं पार्टी की ओर से कहा गया है कि एक व्यक्ति के लिए सभी पार्षदों के साथ समन्वय करना संभव नहीं था। इसलिए 4 लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। सभी पार्षद आम आदमी पार्टी के इन चार वरिष्ठ नेताओं के सीधे संपर्क में रहेंगे और उनकी समस्याओं को हल करने में उनकी सहायता करेंगे। इसके बाद ये वरिष्ठ नेता पार्षदों की एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिसके आधार पर उन्हें समितियों में शामिल करने का निर्णय लिया जाएगा। यह कदम आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव के नतीजों के बाद उठाया है।
“सभी MLA और पार्षद मिलकर चलना”- अरविंद केजरीवाल
आपको बता दें कि आप पार्टी ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की थी। जबकि भाजपा ने 104 सीटें जीती हैं। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी के चुने हुए पार्षदों से कहा था कि ये चुनाव मेरे लिए बहुत मुश्किल था। हमारे खिलाफ कई षड़यंत्र रचे गए। उस देखते हुए अबतक का सबसे मुश्किल चुनाव था। पार्षदों को नसीहत देते हुए केजरीवाल ने कहा कि ऐसा न हो कि इस बार हम बीजेपी के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़े हैं और अगली बार बीजेपी हमारे भ्रष्टाचार के खिलाफ चुनाव लड़े। वहीं केजरीवाल ने कहा है कि सभी MLA और पार्षद मिलकर चलना। मैं कई सारे विधायकों से मिला उनको यह डर रहता है कि हमारा टिकट ना कट जाए। किसी की टिकट नहीं कट रही, चिंता ना करो। आप सबको पता है कि हमे सर्वे के आधार पर टिकट देंते हैं। विधायकों की टिकट भी सर्वे के आधार पर दी और पार्षदों की टिकट भी सर्वे पर मिली.