कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्त भ्रष्टाचार लगातार राज्य सरकार के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। एक तरफ ईडी जहां लगातार धरपकड़ और छापेमारी कर रही है। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के शिकार हुए शिक्षक उम्मीदवारों का भी आंदोलन जारी है। शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास की ओर बढ़ रहे अपर प्राइमरी शिक्षक उम्मीदवारों को पुलिस ने घसीटते हुए वाहन में डाल कर हिरासत में लिया है। सियालदह मेट्रो स्टेशन के पास सैकड़ों की संख्या में उम्मीदवार एकत्रित हुए थे। इन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे रैली निकालकर कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास जाएंगे और सीएम को शिकायती पत्र सौंपेंगे।
हालांकि यहां जैसे ही रैली की शक्ल में ये आगे बढ़ना शुरू हुए, यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने इन्हें सामने से रोक दिया। साफ कर दिया गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आवास के पास जाने की अनुमति नहीं है जिसे लेकर आंदोलनरत उम्मीदवारों और पुलिस के बीच वाद-विवाद और बाद में धक्का-मुक्की होने लगी। इसके बाद अतिरिक्त संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और आंदोलनरत शिक्षकों को धक्का देकर घसीटते हुए पुलिस वाहन में डाला। कई लोग वहां धरने पर बैठे थे जिन्हें जबरदस्ती उठाकर गाड़ी में डाला गया है। आंदोलनरत उम्मीदवारों में से कुछ लोग पुलिस की नजर बचाकर सियालदह के पास स्थित सुपर मार्केट से होते हुए मौलाली जा पहुंचे थे। तब वहां पुलिस ने उन्हें घेर कर हिरासत में लिया। इसकी वजह से करीब डेढ़ घंटे तक आसपास धक्का-मुक्की और हंगामे का माहौल बन गया था। यहां बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवार भी थी जिन्हें हिरासत में लेने के लिए महिला पुलिस कर्मियों को मौके पर लाया गया। आंदोलनकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भ्रष्टाचार के मामले में क्या कहना है और उनका क्या रुख है, यही जानना उनका मकसद था। इसलिए सीएम आवास की ओर जा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद 1585 उम्मीदवारों को अपर प्राइमरी शिक्षक के तौर पर नियुक्ति के इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। आज जिन लोगों ने आंदोलन किया उनका कहना था कि इन 1585 लोगों के अलावा जो लोग परीक्षा पास कर बैठे हुए हैं उनके बारे में सरकार क्या सोच रही है? सबसे अधिक धोखा उन्हीं के साथ हुआ है इसलिए उन्हें आंदोलन के अधिकार से नहीं रोका जाना चाहिए।