सावन का महीना 4 जुलाई को शुरू हो गया है और भक्तों ने भगवान शीव की पूजा- अर्चना भी करना शुरू कर दिया है .सावान का महीना बेहद पवित्र माना जाता है , इन दिनों भगवान शीव के लिए सोमवार का वर्त रखा जाता है . वहीं भक्त गण मंगलवार को सावन के पहले दिन भी मंदीरों में जाकर भोलेनाथ को जल अर्पीत कर रहे है .ऐसा ही कुछ मनमोह करने वाला नजारा उजजैन के महाकालेश्र्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ और बम-बम भोले की गूंज से पबरे परिसर में देखने को मिला है ।
महाकालेश्र्वर मंदिर में उमड़ी भीड़
सावन के इस पावन महिने में हर कोई महादेव को प्रसन्न करने के लिए लगा रहता है , सभी मंदिरों मे भगवान शीव के दर्शन के लिए जाते है ,सुबह उठकर लंबी लाईनों में लगते है .लेकिन कहते है कि भोलेनाथ आसानी से दर्शन नही देते है ,इसीलिए श्रद्धालुओं को कष्ट देखने ही पड़ते है.ऐसा कुछ अद्भुत नाजारा भक्तों का उजजैन के महाकालेश्र्वर मंदिर में सामने आयैा है .जहां लगातार श्रद्धालुओं का आना जाना लगा हुआ है सुबह से ही देश के अलग –अलग राज्यों से भक्त सावन के महिने के पहले दिन ही भगवान शीव के दर्शन करने पहुंचे है .बता दे कि सबुह मंदिर के द्वार खुलने के कुछ क्षण बाद ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच है । मंदिर के भीतर आरती और दर्शन के लिए मंदिर की मंडल समिती ने विशेष इतंजाम कियए है .साथ ही मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि सीमित स्थान होने की वजह से हम केवल 1500 श्रद्धालुओं को ही एक समय मे प्रवेश देते है ।
सावन का महीने क्यों है पावन?
सावन के महिना साल में एक बार ही आता है , जिसमें हम सब भगवान शीव की पूजा अर्चना करते है सावन के इस महीने में माना जाता है कि भोलेनाथ कैलाश पर्वत छोड़कर धरती पर विचरण के लिए आते है और इस श्रावण महीने में महादेव की पूजा अर्चना करने से विशेष फल प्राप्ती होता है .भगवान शीव के साथ मां पार्वती की पूरे वीधी विधान से पूजा की जाती है . इस महा में कावड यात्रा भी की जाता है जिसमें हरिद्वार से गंगा जल और कावड़ लेकर पूरेमहादेव जाकार जल भगवान शीव को अर्पीत करते है । और सावन के महिने में पड़ने वाले हर सोमवार को वर्त रखते है ,माना जाता है कि सोमवार का वर्त रखने से भगवान शीव मनोकामना पूर्ण करते है भक्तों की । इस बार सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा ।