‘मैं सावरकर नहीं, गांधी हूं और गांधी कभी माफी नहीं मांगते।’ बता दें कि 2019 के मानहानि केस में गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी की सांसद सदस्यता चली गई है। इसके बाद बीते शनिवार यानी 25 मार्च को राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान माफी न मांगने की बात करते हुए यह विवादित बयान दे दिया था।
‘उद्धव ठाकरे ने राहुल के बयान पर जताई नाराजगी’
इस बयान के बाद एक बार फिर सियासत गरमा गई है। एक तरफ जहां बीजेपी राहुल गांधी पर लगातार निशाना साध रही है तो वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे भी उनके इस बयान पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने तो गठबंधन तोड़ने तक की चेतावनी दे डाली।
इससे पहले बीते सोमवार की शाम यानी 27 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भी उद्धव ठाकरे और शिवसेना की तरफ से कोई भी नेता मौजूद नहीं रहा। हालांकि शरद पवार के हस्तक्षेप करने के बाद उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने सबकुछ ठीक होने की बात कही।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि राहुल गांधी सावरकर को निशाने पर क्यों लेते हैं। क्या वह सावरकर के जरिए बीजेपी को घेरने वाले राहुल गांधी ने कभी सुप्रीम कोर्ट में माफी नहीं मांगी?
राहुल ने कब-कब मांगी माफी?
मांफी न मांगने पर अड़ने वाले राहुल ने 8 मई 2019 को राफेल डील से जुड़े एक मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगी थी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल की सुनवाई पर सहमति जताने पर भड़के राहुल ने कहा था कि ‘कोर्ट ने मान लिया है कि चौकीदार ही चोर है।’
राहुल गांधी ने मार्च 2014 में भी माफी मांगी थी। दरअसल उन्होंने महाराष्ट्र के ठाणे में अपने एक भाषण के दौरान कहा था कि ‘ आरएसएस के लोगों ने ही गांधी जी की हत्या की थी। आज यही उनकी बात करते हैं।’ उनके इस बयान के बाद राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज हुआ था।