ईरान हिजाब आंदोलन की आग में जल रहा है। जिसका अमानवीय चेहरा पूरी दुनिया देख रही है। वहीं, दूसरी ओर विश्व के सामने अपने देश की अच्छी छवि रखने के बजाय ईरानी राष्ट्रपति अब्राहिम रायसी अब भी रूढ़ीवादी सोच में बंधे नजर आ रहे हैं। दरअसल, उन्होंने अमेरिका में पहले से तय अपना इंटरव्यू अपने धार्मिक कट्टरता के कारण रद्द कर दिया। जी, हां क्योंकि इंटरव्यू लेने वाली महिला पत्रकार ने हिजाब पहनकर उनसे सवाल पूछने की उनकी शर्त को मानने से इनकार कर दिया था। महिला न्यूज एंकर ने ट्वीट कर इस घटना के बारे में जानकारी दी है।

सीएनएन के चीफ इंटरनेशनल एंकर क्रिस्टियन एमनपॉर ने बताया कि उन्हें इंटरव्यू के दौरान हेडस्कार्फ़ पहनने का सुझाव दिया गया था, एमनपॉर ने इससे इनकार कर दिया। जिसके बाद इंटरव्यू को कैंसिल कर दिया गया। उन्होंने कई ट्वीटस के जरिए बताय़ा कि उन्होंने इंटरव्यू के दौरान महसा अमिनी की मौत से लेकर ईरान को लेकर कई सवालों को तैयार किया था।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कई हफ्तों की मेहनत और लगभग 8 घंटे लाइट और कैमरा सेटअप लगाने की मेहनत के बाद हम ईरानी राष्ट्रपति का इंतजार कर रहे थे, यह अमेरिकी धरती पर उनका पहला इंटरव्यू होने वाला था, जहां उनके न्यूयॉर्क दौरे से लेकर ईरान के हालात तक पर चर्चा होनी थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति का एक सहयोगी इंटरव्यू से पहले आया और उसने मुझे हेडस्कार्फ पहनने का सुझाव दिया और कहा कि यह मुहर्रम का पवित्र महीना है, जिसपर अमेरिकी पत्रकार ने बताया कि मैंने उन्हें विनम्रता से मना करते हुए बताया कि हम न्यूयॉर्क में हैं, जहां हेडस्कार्फ को लेकर कोई कानून या परंपरा नहीं है।
ईरान में हिजाब विरोध-प्रदर्शनों के बीच सरकार ने इंटरनेट पर लगाई रोक
बता दें कि यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब महसा अमिनी की मौत को लेकर ईरान में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अमिनी को ईरान की पुलिस ने कथित हिजाब सही से नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया था।


वहीं, ईरान में हिजाब प्रतिबंध को हटाने को लेकर मामला तेज हो गया है। पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद हालात हर दिन के साथ बिगड़ते जा रहे हैं। पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। महिलाएं अपने हिजाब को पुलिस के सामने उतार रही हैं और अपने बालों को काट रही हैं। बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ईरान की सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की पुलिस ने 22 वर्षीय महसा अमीनी को हिजाब को गलत तरीके से पहनने के लिए हिरासत में लिया था। विरोध के चलते प्रदर्शनकारियों का पुलिस से भी टकराव हुआ है और वे सरकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, ईरान के कुछ लोगों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बुधवार से वे मोबाइल से इंटरनेट नहीं चला पा रहे हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित किया था। प्रदर्शनकारियों का विरोध लगातार बढ़ रहा है। पुलिस ने इन पर नियंत्रण के लिए लाठीचार्ज करने के साथ ही अन्य कड़े तरीकों का भी इस्तेमाल किया है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षा बलों ने लाठियों, आंसू गैस और पानी की वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया है। इन प्रदर्शनों में आठ लोगों की मौत होने की रिपोर्ट है। इनमें से चार को सुरक्षा बलों ने मारा है। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। हालांकि, ईरान के अधिकारियों ने तीन लोगों की मौत की जानकारी दी है और इसके लिए अज्ञात गुटों को जिम्मेदार बताया है। ईरान में कड़े इस्लामिक कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों को कुछ अन्य देशों के लोगों से भी समर्थन मिल रहा है।
नेटवर्क इंटेलिजेंस फर्म केनटिक के डायरेक्टर डोग मेडोरी ने बताया कि ईरान में मोबाइल डेटा सहित इंटरनेट सर्विस को ब्लॉक कर दिया गया है। यह देश में मौजूदा स्थिति के कारण सरकार की ओर से की गई कार्रवाई हो सकती है। देश की सभी टेलीकॉम सर्विसेज के लिए इंटरनेट लगभग बंद है।” ईरान में बड़े पैमाने पर बिटकॉइन की माइनिंग भी होती है। इंटरनेट बंद होने से माइनर्स पर भी बड़ा असर पड़ेगा।