Election 2024: कांग्रेस पार्टी इन दिनों विपक्ष को एकजुट करने में लगी है। इसको लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बीजेपी को 2024 के चुनाव में मात देने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में लग गया है ।कांग्रेस पार्टी को भरोसा है कि जिस तरह से 2004 में सोनिया गांधी ने बिखरे विपक्ष को एकजुट कर ‘यूपीए’ को सत्ता दिलाई थी, कुछ ऐसा ही चमत्कार देखने को मिल सकता है । दरअसल विपक्षी दलों का आरोप है कि मौजूदा केंद्र सरकार सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है । केंद्र सरकार के इशारों पर ही विपक्षी दलों के नेताओं को टारगेट करके परेशान किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी करेगी संंविधान की रक्षा– सोनिया
इन आरोपों को लेकर सोनिया गांधी ने एक लेख भी लिखा है। सोनिया ने अपने लेख में लिखा है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को ध्वस्त करने में लगी है। सोनिया गांधी ने आगे अपने लेख में लिखा कि कांग्रेस पार्टी सभी दलों के साथ हाथ मिलाकर भारत के संविधान की रक्षा करेगी।
2024 में तानाशाही सरकार को देंगे मात
इस कड़ी में आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से दिल्ली में मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक प्रयास है। हम विपक्षी दलों की दृष्टि विकसित करेंगे और आगे बढ़ेंगे। राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात की इस दौरान उन्होंने कहा कि हम देश के लिए एक साथ खड़े होंगे। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि आप लोग पूछते हैं कि बीजेपी को हराने के लिए कितने विपक्षी दलों की जरूरत है? इस बात को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि जो भी हमसे जुड़ेगा सबका स्वागत है, हम एक जुट होकर चुनाव लड़ेंगे और देश से तानाशाही सरकार को गद्दी से उतारने का काम करेंगे।
राहुल के समर्थन में कांग्रेस का प्रदर्शन
दरअसल पिछले दिनों जिस तरह से राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द की गई थी उसको लेकर कांग्रेस पार्टी में पूरी तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश है । इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने पूरे देश में जोरदार प्रदर्शन भी किया था। राहुल गांधी की संसद से सदस्यता का घाव भरा भी नहीं था कि उनके घर को भी खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया था । जिसके बाद उन्होंने घर खाली कर दिया और अपनी मां सोनिया गांधी के साथ रहने को मजबूर हो गए । हालांकि अब आने वाले दिनों में देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा सबको एक एकजुट करने का प्रयास कहां तक सफल होगा इसके साथ ही आगामी दिनों उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव में भी इसका असर देखने को मिलेगा ।