Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक बढ़ रहे Eye Flu के मामले

दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक बढ़ रहे Eye Flu के मामले, बच्चों से लेकर बड़े तक शिकार, एक्सपर्ट ने बताया कैसे बचें?

दिल्ली में बारिश और बाढ़ का सितम लगातार जारी है। इस बीच, आई फ्लू की दस्तक ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को बीमार कर दिया है। छत्तीसगढ़ भी इस संक्रमण की बीमारी से अछूता नहीं है। वहां आई फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि होने के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि आई फ्लू से संक्रमित बच्चों को स्कूल ना बुलाया जाए ताकि आगे इसके प्रसार को रोका जा सके। ऐसे में इस रिपोर्ट में आपको बताएंगे कि आखिर ये आई फ्लू क्या है, कैसे लोगों को संक्रित कर रहा है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

आई फ्लू क्या होता है और किस उम्र के लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है

बता दें कि आई स्पेशलिस्टों का कहना है कि आमतौर पर यह आंखो का इंफेक्शन है। जिसे कंजंक्टिवाइटिस भी कहते हैं। छोटे शहरों में या आम बोलचाल में इसें “आंखो का आना” भी कहा जाता है। दरअसल, आंखों के सफेद भाग और आंतरिक पलकें पर कंजंक्टिवा क्लियर नाम का एक इन्फेक्शन फैल जाता है। जिससे उन्हें न सिर्फ देखने में परेशानी होती है, बल्कि आंखों में जलन रेडनेस जैसी दिक्कत भी होती है। वैसे तो यह फ्लू किसी भी उम्र के लोगों में फैल सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा बच्चों एलर्जिक पेशेंट, बुजुर्ग और वीक इम्यूनिटी वाले व्यक्ति में बना रहता है।

जानिए क्यों होता है आई फ्लू ?

आई स्पेशलिस्टों का मानना है कि आई फ्लू के मामलों को आमतौर पर मानसून के मौसम में देखा जाता है। दरअसल, मानसून के मौसम में कम तापमान और ज्यादा उमस होने के कारण लोग बैक्टीरिया, वायरस के संपर्क में आते हैं और बैक्टीरिया वायरस का एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिसयानी आई फ्लू का कारण बनते हैं।

जानिए कैसे फैलता है ये फ्लू

बता दें कि आई स्पेशलिस्ट के अनुसार ये फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आई फ्लू से संक्रमित मरीज किसी दूसरे व्यक्ति को देखने भर से संक्रमित कर दें। दरअसल, लोगों को आदत हैं कि वह अपनी आंखे छूते रहते हैं ऐसे में अगर वह एक बार अपनी आंखों छूने के बाद किसी और को छूते हैं तो यह वायरस दूसरे व्यक्ति के हाथ में चिपक जाता है और जब वह व्यक्ति अपनी आंखों को छूता है तो आई फ्लू फैल जाता है। यही वजह है जो आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

वहीं मानसून के मौसम में आंखों में खुजली या सूजन होना बेहद आम बात है और अगर आपकी आंखों में लगातार खुजली या सूजन हो रहे है तो इसका मतलब है कि आपको कंजंक्टिवाइटिस है। ऐसी स्थिति में एक आंख को अपने हाथ से छूने के बाद दूसरी आंख को उसी हाथ से छूने के कारण दोनों आंखों में इसके होने का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए ऐसी स्थिति में आंख को हाथों से रगड़ने या छूने से बचना चाहिए।

आई फ्लू के लक्षण क्या है

कोई भी व्यक्ति अगर आई फ्लू के चपेट में आ गया है तो उसकी आंखों में कई तरह की परेशानीया होने लगती है। जैसे की:-

आंखों में रेडनेस: अगर मरीजे के आंखो के सफेद भाग पर लाल रंग की झाइयां आने लगे तो ये आई फ्सू के लक्षण माने जाते हैं।
पलकों का चिपकना : मरीज को आसे वक्त में न सिर्फ आंखों में दर्द महसूस होता है बल्कि उनकी आंखों से पानी भी बहता रहता है। आंखों में सूजन: आई फ्लू के मरीज के आंखों में लालपन के अलावा आंख के नीचे वाले एरिया में सूजन आने लगता है।
आंखों में जलन: आंखों का जलना भी आई फ्लू के लक्षणों में शामिल है. ऐसे वक्त में मरीज को धूप या पॉल्यूशन वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए.

फ्लू के मरीज को क्या-क्या करना चाहिए

अगर किसी व्यक्ति को यह फ्लू हो चुका है तो सबसे पहले उन्हें आइसोलेट कर देना चाहिए ताकि यह वायरस घर के अन्य सदस्यों में न फैले. इसके अलावा मरीज के टावल से लेकर बिस्तर तक साफ सफाई का ख्याल रखा जाना चाहिए और मरीज को कम से कम 7 दिन अपने कमरे में ही रहना चाहिए।

 

Exit mobile version