वाराणसी: के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद में आगे सुनवाई जारी रहेगी। वाराणसी जिला कोर्ट ने कहा कि यह केस सुनने लायक है। विश्व वैदिक सतानत संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने जानकारी दी है कि कोर्ट ने हिंदू पक्ष की दलीलें मानी हैं और मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने 22 सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई करने की बात कही है।
कोर्ट के फैसले के दौरान हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन कोर्ट में मौजूद थे। हालांकि मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह कोर्ट में मौजूद नहीं थीं। कुल 62 लोगों को कोर्ट रूम में मौजूद रहने की इजाजत दी गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के कैंपस में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की अनुमति देने वाली याचिका पर 24 अगस्त को हिंदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने 12 सितंबर यानी आज तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वहीं, जिला अदालत के फैसले से पहले वाराणसी में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है। हालांकि, इस केस में न्यायाधीश अजय कृष्ण ने 24 अगस्त को आदेश सुरक्षित रख लिया था और 12 सितंबर को फैसला सुनाने का ऐलान किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 23 मई से जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। जिसमें इस बात पर सुनवाई चल रही थी कि नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत ये केस सुनने योग्य है या नहीं। वहीं, पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने दलीलें दी थीं।
शहर में हाई अलर्ट, धारा 144 लागू, फोर्स तैनात
इसी बीच रविवार को पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि वाराणसी कमिश्नरेट में धारा 144 लागू कर दी गई है। अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों में धर्म गुरुओं से बातचीत करने के कहा गया है ताकि शांति बनी रहे।
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे शहर को सेक्टर्स में बांटा गया है। जिन्हें जरूरत के मुताबिक पुलिस बल आवंटित किया गया है। साथ ही संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और पैदल मार्च करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। जिले के सीमावर्ती इलाकों, होटलों और गेस्ट हाउसों में चेकिंग तेज कर दी गई है। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही फुट पेट्रोलिंग की जाएगी।
वहीं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए PRV और QRT की टीमें सेंसिटिव पॉइंट्स पर लगाई जाएंगी। इंटर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर, होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस की चेकिंग होगी।
आपको बता दें कि पांच हिंदू महिलाओं ने जिला कोर्ट में दावा करते हुए याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि उनके धर्म की मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इसके साथ ही उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी थी। इस पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक वक्फ संपत्ति है। उसने याचिका की सुनवाई पर सवाल उठाया है.
वहीं हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा था कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले एक निचली अदालत ने परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया था। 16 मई को सर्वे का काम पूरा हुआ। जिसके बाद 19 मई को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई थी।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी से जुड़ा केस क्या है?
पांच हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी थी। इन महिलाओं ने खासतौर पर श्रृंगार गौरी की हर दिन पूजा करने की इजाजत चाही थी। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे भी किया गया था। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। केस में अब तक क्या हुआ, जानिए
1- 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाएं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, गणेश जी, हनुमान जी समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजाना पूजा की इजाजत मांगते हुए कोर्ट पहुंची थीं। अभी यहां साल में एक बार ही पूजा होती है।
2- इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं, बाकी चार महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक बनारस की हैं।
3- 26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था।