हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर बच्चों के फ्यूचर के प्रति बेहद लापरवाह नजर आ रहे हैं. जिससे नाराज छात्रों ने इन टीचरों की शिकायत एसडीएम से की है. छात्रों ने मांग की है कि शिक्षकों द्वारा शिक्षा में सुधार हो और गैर शिक्षण कार्य को बढावा दिया जाये. इसके साथ ही, छात्रों ने SDM से स्कूल की प्रयोगशाला को सुचारू रूप से चालू करवाए जाने की भी मांग की है. यह घटना हमीरपुर जिले के सरिला स्थित राजकीय इंटर कॉलेज का है. जहां पर खराब पढ़ाई को लेकर छात्र-छात्राओं में गुस्से का उबाल है.
राजकीय इंटर कॉलेज के छात्रों ने एसडीएम (Sub-Divisional Magistrate) से शिकायत करते हुए कहा, टीचर क्लास को लेकर बहुत लापरवाह है. टीचर समय से कॉलेज नहीं आते हैं और जो आते हैं वे बाहर ही बैठ जाते हैं, जिससे कॉलेज में पठन-पाठन या शिक्षण कार्य नहीं हो पा रहा है. स्कूल के एक छात्र ने बताया कि स्कूल की प्रयोगशाला लंबे समय से बंद है. सभी छात्रों को कुछ भी नहीं सिखाया जाता है, क्योंकि स्कूल के सभी शिक्षक आकर ग्राउंड में बैठ जाते हैं.
बच्चों ने स्कूल मैनेजमेंट की खोली पोल
स्कूल के छात्र ने बताया कि, टीचर ग्राउंड में बैठ कर बातें करते रहते है. यहां कोई मैंजमेंट नहीं है. जिसकी वजह से ज्यादातर क्लास खाली रहती हैं और बच्चे भी बाहर घुमते रहते है. हमारी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है. स्कूल की एक छात्रा ने बताया कि शिक्षक कोई काम नहीं कराते हैं. इतना ही नहीं बच्चों के पीने के पानी के टैंक तक की सफाई नहीं होती है. पानी बहुत गंदा रहता है और सभी बच्चे गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
छात्रों ने अपने भविष्य को लेकर टीचर पर लगाए आरोप
छात्रा ने आगे बताया कि, टंकी में काई जमी हुई है, पानी तक नहीं बदला जाता है, जिससे कई बच्चे बीमार पड़ जाते हैं. स्कूल बच्चों के प्रति बेहद लापरवाह है. स्कूल में कोई नियम नहीं हैं. यहां तक कि स्कूल के टीचर भी किसी नियम का पालन नहीं करते हैं. छात्रा ने कहा, हम घंटों खाली बैठे रहते हैं, कोई पढ़ाने नहीं आता. इसके अलावा टीचर्स की भी कमी है. जो आते हैं वो पढ़ाते नहीं हैं. बाकी टीचर ग्राउंड में बैठे रहते है.
स्कूल में लगातार टीचरों के इस बर्ताव से छात्रों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. और छात्रों के अभिभावकों में भी नाराजगी है. छात्रों के SDM से शिकायत करने के बाद अब ये उम्मीद की जा रही है कि स्कूल में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा.