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UP में कितने हैं अवैध मदरसें, जिसको बंद कराने के लिए योगी सरकार ने निकाला है आदेश

UP में कितने हैं अवैध मदरसें, जिसको बंद कराने के लिए योगी सरकार ने निकाला है आदेश

योगी सरकार में मदरसे को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। जहाँ, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का आदेश दिया है। मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए योगी सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके अलावा सहायता प्राप्त मदरसों के कर्मचारियों और महिलाओं को भी कई फायदे मिलेंगे।

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला किया गया है। इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। आदेश के मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति के विवादित होने या समिति के किसी सदस्य के गैरमौजूद होने की स्थिति में मदरसे के प्रिंसिपल और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे। इससे पहले, प्रबंध समिति में कोई समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।

सर्वे में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की तादाद, पानी, फर्नीचर, बिजली सप्लाई, शौचालय की व्यवस्था, टीचर्स की तादाद, मदरसे में लागू सिलेबस, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता जैसी सूचनाएं जुटाई जाएंगी। जब पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस सर्वे के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी, तो राज्य मंत्री ने कहा कि अभी सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं जुटाना है।

उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि आज जारी आदेश के मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति के विवादित होने या समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित होने की दशा में मदरसे के प्रधानाचार्य और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे। इससे पहले, प्रबंध समिति में कोई समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। अंसारी ने बताया कि अब सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रार्थना पत्र पर संबंधित मदरसे के प्रबंधकों की सहमति और राज्य मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार के अनुमोदन से उनका स्थानांतरण किया जा सकेगा।

सर्वे को लेकर Owaisi का बड़ा हमला

यूपी में मदरसों के सर्वे पर ओवैसी ने कहा – ये सर्वे कयों करा रहे है, सीधे सीधे बोल दें कि नमाज़ मत पढ़िए, मुस्लिम मत रहिये, ये सर्वे नहीं छोटा NRC है।

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