ओम राउत की फिल्म आदिपुरुष इन दिनों काफी चर्चा में बनी हुई है। फिल्म को लेकर जमकर विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने नाराज़गी जताई है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि हिंदुओं के सहिष्णुता का नतीजा है कि आज फिल्मों के जरिए रामायण का गलत चित्रण किया जा रहा है।
क्या बोले शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती?
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि देश में अगर मुस्लिम, ईसाई और कम्युनिस्ट तंत्र पर फिल्में बने तो बवाल हो जाए। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदुओं के सहिष्णुता का दुरुपयोग किया जा रहा है, जो कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज को ऐसी फिल्मों को बॉयकॉट करना चाहिए।
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि देश में हिंदुओं की सरकार नहीं है। अगर देश में हिंदू हितों के लिए काम करने वाली सरकार होती तो देश में गौहत्या नही होती। सेवा के नाम पर हिंदुओं का देश में धर्मांतरण नही होता, हिंदू क्रिश्चियन नही बनाए जाते। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि देश में राजनेता गरीबी पालते हैं और उसका लाभ लेते हैं।
उन्होंने हिंदुओं को अपनी समस्या के हल के लिए खुद से आगे आने अहवाहन किया। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हर हिंदू परिवार हर घर से एक रुपए इकट्ठा करे और उसका उपयोग अपने क्षेत्र की समस्याओं पर करे। भविष्य में अस्सी फीसदी समस्याएं खुद ब खुद खत्म हो जाएंगी।