तोशाखाना मामले में पाकिस्तान पुलिस पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची। इस दौरान पुलिस जब इमरान के कमरे में पुहंची तो वह वहां मौजूद नहीं थे। इस बात की जानकारी इस्लामाबाद पुलिस ने ट्वीट के जरिए दी है। इसके बाद पुलिस नोटिस देकर लौट आई और कहा कि गिरफ्तारी करना मकसद ही नहीं था। अगर उन्हें गिरफ्तार करना होता तो कोई ताकत नहीं रोक सकती थी। इमरान हमें नहीं मिले, इसलिए नोटिस उनकी तरफ से पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रिसीव किया।
नोटिस में इमरान की गिरफ्तारी का जिक्र नहीं था
वहीं दूसरी तरफ इमरान खान ने ट्वीट करके पाकिस्तान के PM शाहबाज शरीफ और पूर्व आर्मी चीफ जनरल बाजवा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसे देश का क्या ही भविष्य होगा, जहां बदमाशों को शासक बना दिया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि शहबाज शरीफ 8 अरब रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग और 16 अरब रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में दोषी साबित होने वाले थे। लेकिन जनरल बाजवा ने सुनवाई टालवाकर उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया।
इससे पहले इस्लामाबाद पुलिस ने ट्वीट में कहा था कि इमरान गिरफ्तारी से बचने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। उन्हें 7 मार्च को इस्लामाबाद कोर्ट में पेश होना है। वहीं पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के वाइस चेयरमैन शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि पुलिस के नोटिस में इमरान की गिरफ्तारी का जिक्र नहीं किया गया है।
‘मैं इस नाकारा और देश विरोधी सरकार को चेतावनी देता हूं कि…’
इस बीच फवाद चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर इमरान खान को गिरफ्तार किया तो पाकिस्तान में अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा। बता दें कि इमरान के खिलाफ कुल 74 केस दर्ज हैं। ऐसे में वो हर सुनवाई में भी मौजूद नहीं रह सकते।
इससे पहले फवाद ने एक ट्वीट में कहा था कि इमरान को गिरफ्तार करने की कोशिश से हालात गंभीर रूप से बिगड़ सकते हैं। मैं इस नाकारा और देश विरोधी सरकार को चेतावनी देता हूं कि वो गंभीरता से काम करे। देश को किसी और संकट में न धकेले। सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से जमान पार्क पहुंचने की अपील की। वहीं इस्लामाबाद पुलिस ने ट्वीट कर इमरान खान की गिरफ्तारी में अड़चन न पैदा करने को लेकर PTI के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है। पुलिस ने कहा कि जो लोग कोर्ट के आदेश में बाधा डालेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
क्या है तोशाखाना का मामला
बता दें कि 28 फरवरी को इस्लामाबाद सेशन कोर्ट ने इमरान को सरकारी खजाने यानि तोशाखाना के करोड़ों रुपए के गिफ्ट सस्ते दामों में बेचने का आरोपी माना था। इसके बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी हुआ।
दरअसल सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने चुनाव आयोग के सामने तोशाखाना गिफ्ट का मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्टों को कम दामों में बेच दिया। वहीं इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था, लेकिन बेचने पर उन्हें सिर्फ 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।