नई दिल्ली। केंद्र द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने और एक राष्ट्र, एक चुनाव पर कमेटी बनाए जाना लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है. कई राजनेता इसको लेकर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. अब दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल भी इसको लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इसको बीजेपी का एक नया शिगूफा बताया है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ये कहा
दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा कि देश के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन जरूरी है, या फिर वन नेशन वन एजुकेशन जरूरी है. दिल्ली सीएम एवं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि, देश के लिए क्या ज़रूरी है? ‘वन नेशन वन इलेक्शन या वन नेशन वन एजुकेशन (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसी अच्छी शिक्षा) वन नेशन वन इलाज (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसा अच्छा इलाज) आम आदमी को वन नेशन वन इलेक्शन से क्या मिलेगा?’
देश के लिए क्या ज़रूरी है?
वन नेशन वन इलेक्शन
या
वन नेशन वन एजुकेशन (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसी अच्छी शिक्षा)
वन नेशन वन इलाज (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसा अच्छा इलाज)
आम आदमी को वन नेशन वन इलेक्शन से क्या मिलेगा?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 3, 2023
राहुल गांधी ने दी ये प्रतिक्रिया
एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ी हुई है. अब इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक देश एक चुनाव को भारत के संघीय ढांचे पर हमला बताया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक देश, एक चुनाव को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा है कि, ‘इंडिया, यह भारत है, जो कि राज्यों का संघ है और एक राष्ट्र, एक चुनाव का आईडिया इसके संघीय और राज्यों पर हमला है.’
18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र
बता दें कि केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी ने बताया था कि पांच दिवसीय विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा, इस दौरान 5 अहम बैठके और करीब 10 महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा हो सकती है. विशेष सत्र में एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर भी चर्चा हो सकती है. केंद्र द्वारा बनाए गए इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व वित्त आयोग अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव डॉ सुभाष कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुख्य सतर्कता आयुक्त रह चुके संजय कोठरी को शामिल किया गया था और इसकी अध्यक्षता की जिम्मेदारी रामनाथ कोविंद को दी गई.