प्रयागराज। वकीलों पर दर्ज गैंगरेप के केसों की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर बुधवार को प्रयागराज पहुंच चुकी है सीबीआई की टीम। रेप और एससी-एसटी से जुड़े 51 मुकदमों की जांच और ब्लैकमेलिंग से जुड़े मुकदमों की जांच करने में टीम जुट गई है। रिपोर्ट के अनुसार 51 केस में से 36 मुकदमे सिर्फ गंगापार इलाके के मऊआइमा थाने में दर्ज हैं। जबकि, बाकी के मुकदमे दूसरे थानों में दर्ज हैं। सीबीआई इन मुकदमों से जुड़े दस्तावेज थाने से लेकर केस की तफ़्तीश करने में जुट गई है।
प्रयागराज के दारागंज थाना क्षेत्र में एक वकील के खिलाफ नाबालिग से गैंगरेप का मुकदमा लिखा गया था। वकील पर आरोप था कि उसने नाबालिग को कार में ले जाकर उसके साथ रेप किया। लेकिन, पुलिस की जांच में सच्चाई सामने ये आई कि वकील के ऊपर झूठा मुकदमा लिखवाया गया था। इसके बाद उसी केस में फंसे वकील ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई और ऐसे फर्जी मामलों की लिस्ट देकर सीबीआई जांच की मांग की थी। पिछले महीने यानी अगस्त में केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 51 मुकदमों की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है। याचिका में कहा गया था कि ब्लैकमेलिंग और उगाही के लिए इस तरह के झूठे मुकदमे लिखवाए जा रहे हैं। इसमें केस की पैरवी करने वाले वकीलों को भी आरोपी बनाया जा रहा है। मुकदमा दर्ज होने के बाद वकीलों को केस से हटाने के लिए ब्लैकमेल किया जाता है और उसी की आड़ में वसूली भी की जाती है। इस तरह के फर्जी मुकदमे दर्ज करवाने वालों का गिरोह जिले में सक्रिय बताया जा रहा है। इसके पीछे भी कुछ वकीलों का हाथ होने का भी शक है।
सीबीआई इस मामले की जांच सही और समय से करे इसी वजह से हाईकोर्ट ने शुरुआती जांच रिपोर्ट दो माह में पेश करने को कहा है। सीबीआई की टीम ने सबसे पहले मऊआइमा थाने जाकर वहां दर्ज 36 मुकदमों से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज पर जांच किए है। इसके साथ ही सीबीआई दारागंज, कीडगंज, कर्नलगंज, कैंट, शिवकुटी, बहरिया और फाफामऊ समेत अन्य थानों में दर्ज केसों की जानकारी और कागजात हासिल करेगी। उसके बाद सीबीआई इस केस से जुड़े लोगों से भी मिलकर पूछताछ कर सच्चाई सामने लाने की कोशिश करेगी।