बाराबंकी जिले में सरयू नदी इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 115 सेमी. ऊपर बह रही सरयू नदी में तीन तहसीलों की डेढ़ सौ गांवों की करीब दो लाख की आबादी के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अक्टूबर माह में आठ साल बाद सरयू में बैराजों से छोड़े गए नेपाल के पानी से स्थिति अभी और भयावह होने वाली है।
ग्रामीणों ने बंधे में रिसाव होने की जानकारी बाढ़ खंड और तहसील प्रशासन को दी। ग्रमिणों की सूचना के बाद भी बाढ़ खंड और तहसील प्रशासन कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। जिसके चलते रात में ही ग्रमिणों ने बंधे की मरम्मत का कार्य खुद ही शुरु किया। पूरा मामला रामनगर तहसील क्षेत्र के गणेशपुर डिपो बंधे का है। यहां घाघरा नदी में होने वाली बाढ़ से बचाव के लिए बंधा बनाया गया है। इस समय हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से जिले में तीन तहसील क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सरयू नदी से बाढ़ के हालात बन रहे हैं। नदी खतरे के निशान से करीब 1 मीटर ऊपर बह रही है।
पुलिस विभाग ने इसकी एक रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारियों को भेजी है। एसचीआरएफ और पीएसी जहां राहत और बचाव कार्य में जुटी है, वहीं प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री सतीश शर्मा और डीएम ने बाढ़ क्षेत्र का भ्रण कर पीड़ितों को हर सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए है।
एल्गिन ब्रिज पर बने कंट्रोल के अनुसार, मंगलवार को बैराजों से नेपाल द्वारा दो बार में करीब 11लाख क्यूसके पानी सरयू में छोड़ा गया है। सोमवार तो करीब साढ़े सात लाख क्यूसेक पानी तीनों बैराजों से छोड़ जा चुका है। इसके चलते ही पानी दो सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जहां बढ़ रहा है वहीं नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 115 सेमी ऊपर पहुंच गया है।
रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसीलों के करीब 150 गांव की दो लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है।
आरोप है कि तहसीलों की लापरवाही के चलते करीब 20 हजार लोग अभी भी गांवों में फंसे हुए हैं। क्योंकि पर्याप्त नावें न मिल पाने के कारण उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। पीड़ितों की मदद के लिए एसडीआरएफ और पीएसी को लगाया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभावित तहसीलों के सभी विभागों के कर्मचारियों को राहत कार्य में लगाया गया है बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी बाढ़ के चलते पुराने रेलवे ट्रैक के निकट बने बंधे में रिसाव हो गया। बंधे में रिसाव की जानकारी होते ही तराई क्षेत्र में बसे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना बाढ़ खंड और तहसील प्रशासन को दी। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना के बाद भी बाढ़ खंड और तहसील प्रशासन कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। जिसके चलते रात में ही बंधे की मरम्मत का कार्य खुद ही शुरू करना पड़ा।