2024 की तैयारियों में पार्टीयां जोरो शोरों से जुटी हुई है। वहीं बाजपा भी 2024 के मिशन में पुर दमखम लगाने में लगी हुई है। ऐसा कहा जा रहा है कि जस्द ही केंद्र सरकार में बदलाव देकने को मिल सकेत हैं और इस बदलाव में यूपी से भी आने वाले कुछ चेहरों तो सजगह मिल सकती है। खासतौर से दलित वर्ग से आने वाले जटाव समाज के किसी सांसद को केद्र सरकार में मंत्री बनाए जाने को लेकर काफी चर्चा में हैं। इसके अलावा अब बीजेपी उन 66 सीटों पर अपना अभियान शुरू करने जा रही है जो उसने 2019 में जीती थी।
वहीं 2024 के लिए बीजेपी ने अलग-अलग रणनीति तैयार की है। बता दें कि हारी हुई 14 सीटों को जहां रेड जोन में रखा गया है तो वहीं केंद्र सरकार के मंत्रियों को उनका प्रभारी बनाया गया है। लगातार इन सीटों पर पार्टी के दिग्गज की रैली और कार्यक्रम है, लेकिन अब महाजनसंपर्क अभियान खत्म होने के बाद बीजेपी मिशन 80 के लिए 66 सीटों पर फोकस करेगी जो 2019 में उसने जीती थी। इन सभी सीटों पर पार्टी जल्द प्रबारी और संयोजक मण्डल की नियुक्ति की जाएगी, यानी पार्ट एक तरफ उन सीटों पर लगातार मेहनत कर रही है जो उसके पास नहीं है तो वहीं जीती हुई सीटों को बरकरार रखने के लिए भी अब बीजेपी संयोजक मंडल बनाने कीतैयारी में है। इसके अलावा इन सीटों पर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के मंत्री भी दौरा करेंगे साथी वहां प्रवास भी करेंगे, हालांकि यह अभियान महा संपर्क अभियान खत्म होने के बाद शुरू होगा।
आपको बता दें की बीजेपी ने पहले ही हारी हुई लोकसभा सीटों पर केंद्र सरकार के मंत्रियों और राज्यसभा सदस्यों को प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी थी। वह लगातार इन सीटों पर जाकर पार्टी के पक्ष में माहौल बना रहे थे, लेकिन अब जब 2024 के लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं तो बीजेपी उन 66 सीटों पर पूरी मेहनत करने में जुटी हुई है। जिसे उसने 2019 में जीता था। हालांकि कुछ सीटों पर जीत का अंतर कापी कम था, इसलिए जल्दी ही इन सीटों पर भी प्रभारियों की नियुक्ति करने के साथ-सात वहां संयोजक मंडल भी तैयार करेगी। सरकार के मंत्रियों को भी वहां भेजा जाएगा।
बीजेपी की जाटव वोट बैंक पर टिकी नजर
बता दें कि बीजेपी की पूरी कोशिश है कि दलित वोटबैंक को किसी भी तरह से अपनी ओर लाया जाए, क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट प्रतिशत जो पहले 22 फीसदी था वो 12.50 फीसदी पर आ गया था और अब बीजेपी को लग रहा है कि अगर जाटव वोट बैंक के साथ आ गया तो 2024 में उसके लिए राह आसान हो सकती है, इसलिए चर्चा अस बात की है कि जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसी जाटव चेहरे को मंत्री बनाया जा सकता है।