वो कहते हैं ना अगर प्यार सच्चा हो तो पुरी कायनात तुम्हें तुम्हारे प्यार से मिलाने में लग जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां सहबाजपुर क्षेत्र की रहने वाली खुशनुमा ने 3 साल तक हिंदू लड़के से प्रेम किया जिसके बाद उसने घर वालों को बताया लेकिन घर वालों ने इस रिश्ते से साफ-साफ इंकार कर दिया। इसके बाद खुशनुमा ने मंदिर में शादी कर ली।
जानिए क्या है कहानी
खुशनुमा ने कहा “मैं अमन से बहुत प्यार करती हूं, मैं लंबे समय से शादी का प्रयास कर रही थी। अपने घरवालों को समझा रही थी, अमन भी अपने घरवालों को समझाने का प्रयास कर रहा था। लेकिन छोटी-छोटी बातों पर मनमुटाव हो जाता था। कभी धर्म आड़े आता था तो कभी कोई और बात । कुछ लोगों से मैंने गुहार लगाई और हमारी बात सुनी गई। अब मैंने ममंदिर में ईश्वर के सामने अमन के साथ 7 फेरे लिए हैं। मेरे ऊपर किसी प्रकार का दबाव नहीं है, मैं बहुत खुश हूं और जीवन भर अमन के साथ रहूंगी। वहीं शादी के बाद यह खुशहाली है खुशनुमा की।
खुशबू ने हिंदू धर्म और रीति रिवाज से मंदिर में शादी की
बता दें कि शादी के बाद खुशनुमा ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम बदलकर खुशबू कर लिया है। खुशबू ने हिंदू धर्म और रीति रिवाज से विधिवत मंदिर में शादी की। अपने बड़े बुजुर्गों का अशीर्वाद लिया। क्षेत्रीय लोग और जनप्रतिनिधि भी इस शादी में शरीक हुए। दरअसल, ये प्रेम कहानी शुरू होती है तीन साल पहले, सहबाजपुर क्षेत्र की रहने वाली खुशनुमा औरेया के अछलदा में एक हॉस्पिटल में काम करती थी। यहीं पर फफूंद के गांव भर्रापुर का लड़का अमन काम करता था, जो पैर से दिव्यांग था। अपने काम को लेकर दोनों ही बड़ी सिद्धत से लगे रहते थे। काम के दौरान धीरे-धीरे दोनों में बातचीत शुरू हो गई।

जानिए कैसे शुरू हुई लव स्टोरी
खुशनुमा ने बताया कि “मैं नर्सिंग का काम देखती थी और अमन हॉस्पिटल का अन्य कार्य देखते थे। पहले तो हमारी थोड़ी बहुत बात शुरू हुई। उन दिनों हम पहले हॉस्पिटल के काम को लेकर बातचीत किया करते थे। हमारी वर्किंग का टाइम भी एक ही था, इसलिए आना जाना भी तकरीबन एक साथ ही होता था। कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। फिर हम लोग खाना-पीना एक साथ करने लगे। जब हम बाहर निकलते तो काफी देर तक बातचीत किया करते थे। शाम को कभी-कभी घूमने भी जाया करते थे।छुटि्टयों के दिनों में भी हम लोग एक दूसरे से मिलने लगे। धीरे-धीरे मुझे अमन से प्रेम हो गया। अमन भी मुझसे प्यार करता था, लेकिन कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। फिर मैंने एक दिन अमन को प्रपोज कर दिया। अमन पहले तो कुछ शर्माया, लेकिन उसने प्रपोजल स्वीकार कर लिया। इस तरह हम दोनों में प्रेम शुरू हो गया।”
घर वाले ने शादी से किया इंकार
अब ये बात तो आप जानते ही हैं कि अगर प्यार किसी अलग धर्म वाले लड़के से किया हो तो शादी के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते है। और ऐसे में मन में बस डर बसा होता है कि कैसे शादी होगी क्योंकि कभी परिवार वाले ऐसे मामले में राजी नहीं होते हैं। खुशनुमा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। खुशनुमा ने बताया कि, “हम दोनों का प्रेम तो चल रहा था, लेकिन एक बहुत बड़ा डर हमारे दिल में था कि कोई भी हमारी शादी नहीं होने देगा। हमारे घर वाले तो किसी भी हालत में नही मानेंगे। इस डर से हम लोग दो साल तक एक दूसरे से प्यार करते रहे, लेकिन घर वालों को बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। वहीं मैं जानती थी कि यदि मैं अपने घर में यह बताऊंगी तकी मैं एक हिंदू लड़के से प्यार करती हूं और शादी करना चाहती हूं तो वो कतई नहीं मानेंगे लेकिन फिर एक साल पहले मैंने हिम्मत करके अपने घर वालों को बता दिया। जिस चीज का डर था हुआ वहीं। घरवाले नहीे मानें अमन ने भी अपने घर वालों को बताया वो भी इस संबंध के लिए तैयार नहीं हुए। हम लाेग काफी समय तक उन्हें समझाते रहे। हमें डर था कि कहीं घर वाले हमारे बारे में कुछ और फैसला न कर दें। घर वाले कहीं और शादी करने का दबाव भी बना रहे थे।
खुशनुमा और अमन दोनों है बहुत खुश
कहते हैं ना भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं फिर क्या था दोनों ने शादी करने का फैसला लिया वहीं अब खुशनुमा और अमन की शादी गांव के ही देवी मंदिर में संपन्न कराई गई। हिंदू रीति रिवाज से हुई इस शादी में अमन ने खुशनुमा को जयमाला पहनाई और उसके बाद उसकी मांग में सिंदूर भरकर मंगलसूत्र भी पहनाया। वहीं इस दौरान दोनों ने यहां सभी देवताओं पर फूल और प्रसाद चढ़ाए। कार्यक्रम में मौजूद विधायक और अन्य लोगों ने दोनों को आशीर्वाद दिया। वहींअमर के परिवार वाले भी बहुत खुशी-खुशी अपनी बहू को मंदिर से विदा कराकर घर लेकर गए। जहां सभी परंपराएं निभाई गईं।