दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन का आयोजन हुआ। जिसमें मौलाना महमूद मदनी ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल मदनी ने कहा कि उनकी बीजेपी और RSS से कोई दुश्मनी नहीं है। लेकिन धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमारे वैचारिक मतभेद हैं।
RSS के संस्थापक की किताब बंच ऑफ थॉट्स को लेकर कई समस्याएं हैं। लेकिन वर्तमान RSS प्रमुख के हालिया बयानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हम चल रहे मतभेदों को खत्म करने के लिए RSS प्रमुख और उनके नेताओं का स्वागत करते हैं।
वहीं मदनी ने कहा कि मुसलमानों को पैगंबर का अपमान मंजूर नहीं है। पैगंबर के खिलाफ बयानबाजी करने सही भी नहीं है। शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है। किसी भी धर्म की पुस्तकें दूसरों पर नहीं थोपी जानी चाहिए। यह मुसलमानों के लिए अस्वीकार्य है। भारतीय संविधान के लोकाचार के खिलाफ है।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि पसमांदा मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। लेकिन जमीयत उलेमा ए हिंद चुप नहीं रहेगा। वह पसमांदा मुसलमानों के आरक्षण के लिए लड़ेगा। क्योंकि पसमांदाओं के लिए आरक्षण की जरूरत है। जातियों के आधार पर हो रहे अन्याय पर हमें खेद है। हर मुसलमान बराबर है। हमें इस्लाम में जातिगत भेदभाव मंजूर नहीं है।