भारतिय जनता पार्टी के सामने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री उम्मीदवार के दावेदारों की लिस्ट में शामिल हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ देश में तीसरे मोर्चे को सशक्त बनाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है. वहीं आपको बता दें की बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने कहा है कि विपक्ष को एकजुट करने के लिए निकले नीतीश कुमार ने सपा मुखिया अखिलेश एक बार के ही मुख्यमंत्री है, जबकी बहन जी चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। बसपा तो राष्ट्रीय स्तर की पार्टी भी है.
वहीं धर्मवीर यहीं चुप नही रहें उन्होने आगे कहा कि अगर मायावती के सामने सम्मानजनक ढंग से तीसरे मोर्चे में शामिल होने का प्रस्ताव रखते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए तो तीसरे मोर्चे में शामिल होने से कोई परहेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस वक्त विपक्ष में नीतीश कुमार सहित कोई भी नेता मायावती के कद का नहीं है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की केंद्र सरकार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की भागीदारी बहुत जरुरी है। यहां बसपा का प्रभाव बड़े वर्ग परह है, जबकि कांग्रेस अब कोई अस्तित्व नहीं रह गया हैं।
जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश में तीसरे मोर्चे को मजबूत बनाने की लगातार कवायद चल रही है। वहीं तीसरे मोर्चे में सभी गैर कांग्रेसी दलों को एकजुट करने का प्रयास जारी है। समाजवादी पार्टी भी इसी गठबंधन का हिस्सा बनी हुई है। तीसरे मोर्चे को राष्ट्रीय स्तर पहर तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, टीआरएस अध्यक्ष एवं तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार नए आकार देने की कोशिश में जुटे हुए है। इसमें से ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव कांग्रेस से पूरी तरह अलग सोच रखते हैं। वहीं ,शरद पवार कांग्रेस के साथ पिछले दिनों तक महारष्ट्र की सदत्ता में थे. दालांकी , केंद्र को लेकर उनका रुख अलग दिखता है। अखिलेश यादव पूरी तरह से ममता बनर्जी के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं। ऐसे में सपा की ओर से पीछले दिनों उनके प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा शुरु हुई। मायावती का नाम इसमें उछाले जाने को इसी का जवाब माना जा रहा है।