मेघालय और नगालैंड में सोमवार यानी की आज विधानसभा चुनाव है। दोनों राज्यों में बहुकोणीय मुकाबला होना है और 60 में से कुल 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान है । सुबह सात बजे से शाम को चार बजे तक वोट डाले जाएंगे। दोनों ही प्रदेशों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीमाएं सील कर दी गई हैं। मतदान के नतीजे दो मार्च को आएंगे। बात दें कि चुनाव आयोग के अनुसार, नगालैंड में 13 लाख 09 हजार 651 वोटर्स और मेघालय में 21 लाख 61 हजार 129 वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
नागालैंड में कुल 13.09 लाख वोटर्स में से छह लाख 56 हजार 35 महिलाएं हैं। वहीं छह लाख 53 हजार 616 पुरुष वोटर्स हैं। इसी तरह मेघालय में 21.61 लाख वोटर्स में 10 लाख 92 हजार 396 महिलाएं हैं, जबकि 10 लाख 68 हजार 801 पुरुष हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वोट डालने वाली महिलाओं की संख्या नगालैंड में 86% और मेघालय में 87% रही थी।
आज सुबह 9 बजे तक, तमिलनाडु में इरोड पूर्व विधानसबा उपचुनाव में 10.10 फीसदी, वही पश्चिम बंगाल में सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में 13.37 फीसदी और झारखंड में रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में 15.19 फीसदी मतदान हुआ है। अभी तक कुल मेघालय में 12.6, नागालैंड में 14.86 फीसदी हुआ मतदान हुआ है।
कितने लोग पहली बार डालेंगे वोट?
चुनाव आयोग के अनुसार, नगालैंड में पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की संख्या 30 हजार 49 है। मेघालय में 81 हजार 443 वोटर्स पहली बार वोट करेंगे।
वहीं मेघालय में बहुकोणीय मुकाबले में चार राष्ट्रीय दर्ज वाली भाजपा, कांग्रेस, नेश्नल पीपुल्स पार्टी और तृणमूल कांग्रेस समेत कुल 13 राजनीतिक दल इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। भाजपा व कांग्रेस ने सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। जबकि तृणमूल ने 56 प्रत्याशियों को खड़ा किया है।
इन मुद्दों पर खेला जा रहा सियासी खेल
मेघालय में सत्तारूढ़ नेश्नल पीपुल्स पार्टी जो सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही हैं। इस बार पार्टी को सत्ता विरोधी लहर से जूझना पड़ सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की कमी इस बार प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है। भ्रष्टाचार के और आरोप भी एनपीपी सरकार को सता रहे हैं। इसके अलावा, जयंतिया और खासी पहाड़ियों में अवैध कोयला खनन का मामला भी इस साल के चुनाव के नतीजों पर असर डाल सकता है। मेघालय चुनावों में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा, ईसाई और गैर ईसाई है। खासकर खासी पहाड़ी क्षेत्रों में ये मुद्दा अहम है। हालांकि NPP ने विकास योजनाओं को मुद्दा बनाया है। एनपीपी का कहना है कि पांच साल सरकार ने खूब विकास किया और उसी के बल पर वह वोट मांग रहे हैं। वहीं अभी तक सरकार का हिस्सा रही भाजपा भी लोगों को केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का हवाला दे रही है। मेघालय बीजेपी प्रमुख अर्नेस्ट मावरी ने कहाकि राज्य में ईसाई लोगों की संख्या अधिक है। पार्टी अगर चुनाव में जीत हासिल करती है तो वो राज्य में ईसाई की सुरक्षा पर खास ध्याने देगी। उन्होंने ये भी कहा कि राज्य में गोमांस के सेवन पर भी प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
नागालैंड विधानसभा के सभी 60 सदस्य अब तक सरकार का हिस्सा थे। यहां कोई भी विपक्ष में नहीं था। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। यही कारण है कि कांग्रेस यहां विकास, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी समेत तमाम मुद्दों को उठा रही है। वहीं, सरकार में शामिल भाजपा व अन्य दल विकास योजनाओं के सहारे चुनाव लड़ रहे हैं।
किस राज्य में कितने पोलिंग स्टेशन बनाए गए
नागालैंड में चुनव आयोग के अनुसार 2,315 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें 531 शहरी और 1,784 केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं। मेघालय में 3,482 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें 325 शहरी और 3,157 ग्रामीण इलाकों में केंद्र हैं। मेघालय में 60 मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जबकि नगालैंड में 57 केंद्र ऐसे हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि कई ऐसे केंद्र हैं, जहां सिर्फ महिलाओं की ओर से चुनाव संचालित हैं। नगालैंड में ऐसे 196, मेघालय में 120 केंद्र बनाए गए हैं।
नगालैंड में पहली बार कोई महिला चुनी जाएगी विधायक
नगालैंड में आज तक कोई भी महिला विधायक नहीं चुनी गई है। ऐसे में सभी की निगाहें चार महिला उम्मीदवारों पर हैं, जो इस बार चुनाव लड़ रहीं हैं। अगर इनमें से कोई भी चुनाव जीत गया तो एक नया रिकॉर्ड कायम होगा।