हमीरपुर जिले का एक ऐसा गांव जहां सिर्फ घूंघट वाली महिलाएं ही एक दिन होली खेलती हैं। ये परम्परा कई दशकों से चली आ रही है। जिसमें सभी पुरुषों को भी महिलाओं की होली शुरू होने से पहले गांव छोड़कर खेत और खलिहान जाना पड़ता है। गांव की महिलाएं एक साथ मिलकर जमकर नाच गाने के साथ होली मनाती हैं।
सुमेरपुर थानाक्षेत्र के सिर्फ कुंडौरा गांव में होती है। होली भी बड़े ही अनोखी ढंग से खेली जाती है, जिसमें गांव की बुजुर्ग महिलाएं भी धमाल करती हैं। होली के त्योहार पर सभी बुजुर्ग और घूंघट वाली महिलाएं पहले रामजानकी मंदिर में एकत्र होती हैं। यहां पूजा अर्चना करने के बाद बुजुर्ग महिलाएं फाग गाती है। फिर महिलाएं टोलियां बनाकर गांव की हर गली और धार्मिक स्थानों से होते हुए धमाल करती है। महिलाओं की टोलियों का नेतृत्व बुजुर्ग महिलाएं करती है। ढोलक और मजीरा बजाते हुए घूंघट की ओट में फाग गाते डांस भी करती है।
महिलाओं की अनोखी होली का इतिहास काफी पुराना है। बहुएं भी फाग की धूम में खूब डांस करती हैं। यह कार्यक्रम रामजानकी मंदिर से प्रारम्भ होता है। ढोलक और मजीरा बजाते हुए बुजुर्ग और घूंघट वाली महिलाएं सामूहिक रूप से फाग निकालती हैं। और इस दौरान गांव के सभी पुरुष गांव के बाहर या घर के अंदर रहते हैं।