अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान दौरे पर है। जिसके बाद से चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। वहीं स्पीकर के इस दौरे से अमेरिका ने ताइवान के साथ प्रतिबद्धता दिखाने की कोशिश की। जबकि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है। तो वहीं ताइवान खुद स्वतंत्र समझता है।
इसी बीच चीन अमेरिकी स्पीकर के इस दौरे को क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा बता रहा है।

रुस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध
आपको बता दें फरवरी से एक रुस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध चल रहा है। दरअसल यूक्रेन को रुस ने NATO में न शामिल होने के लिए चेतावनी दी थी। लेकिन अमेरिका से स्पोर्ट के कारण यूक्रेन NATO ने शामिल होने की तैयारी करने लगा।
जिसने एक महायुद्ध को जन्म दे दिया। अब अमेरिका बाहर से तो यूक्रेन का साथ दे रहा है लेकिन सामने से उसके साथ नहीं लड़ रहा है। जिससे यूक्रेन तबहा होने की कगार पर पहुंच गया है।
इतिहास एक बार फिर से दोराहने के लिए तत्पर

अब इतिहास एक बार फिर से दोराहने के लिए तत्पर है। दरअसल चीन की लाख धमकियों के बावजूद अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान दौरे पर है। चीन इस दौरे के विरोध में न सिर्फ बयानबाजी कर रहा है बल्कि अमेरिका को आंख दिखाने की कोशिश भी कर रहा है।
इसी बीच अमेरिका ने चीन को चेतावनी दी है कि इस दौरे को ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का बहाना न बनाया जाए।
वहीं चीन ने नैंसी पेलोसी के ताइवान में लैंड करते ही द्वीप को चारों ओर से घेरते हुए युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। हालांकि ताइवान का कहना है कि वह उसकी हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है। हालांकि अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी भी अपने पूरे लाव लश्कर के साथ ताइवान पहुंचीं हैं
किस सुरक्षा घेरे में ताइवान पहुंची नैंसी पेलोसी

अमेरिका के 6 सीक्रेट सर्विस फील्ड एजेंट्स हर संभव खतरे पर नजर रख रहे हैं।
ताइवान की मिलिट्री पुलिस टीम तैनात की गई है।
ताइवान के F-16 एयरक्रॉफ्ट को तैनात किया गया है।
अमेरिका के 2 P-8A सर्विलांस एयरक्रॉफ्ट तैनात किए गए हैं।
इसके अलावा अमेरिका के 2 RQ-1 प्रेडेटर ड्रोन भी नैंसी पेलोसी की सुरक्षा में लगे हुए हैं।
अमेरिका का मिलिट्री सैटेलाइट
ताइवान पहुंचकर नैंसी पेलोसी ने का पहला बयान
नैंसी पेलोसी का ताइवान का ये दौरा 25 साल में अमेरिका के किसी भी चुने हुए सर्वोच्च नेताओं में पहला दौरा है। वहीं नैंसी के दौरे के दिन चीन ने भी ताइवान के डिफेंस जोन में 21 एयरक्रॉफ्ट उड़ाकर चेतावनी देने की कोशिश की।

ताइवान पहुंचकर नैंसी पेलोसी ने अपने पहले बयान में कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा ताइवान पर अमेरिकी नीति के विपरीत नहीं है। पेलोसी ने कहा कि उनकी यात्रा ताइवान के जीवंत लोकतंत्र के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को दिखाती है।
उन्होंने चीन का नाम लिए बिना कहा कि यह यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों का विरोध करती है। उधर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा चीन निश्चित रूप से अमेरिकी अध्यक्ष की यात्रा के जवाब में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।