नई दिल्ली: दिवाली के बाद लोगों को एक बार फिर महंगाई का झटका लगने वाला है. सर्दी शुरू होने के साथ ही सरसों के तेल की कीमतों में फिर से उछाल देखने को मिल रहा है. इससे सरसों के भाव में भी करीब 850 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल आया है. एगमार्क सरसों का तेल भी महंगा हो गया है. दीपावली से पहले होलसेल में 122 रुपये प्रति किलो बिकने वाला सरसों तेल इन दिनों 142 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसके अलावा अन्य खाद्य तेलों में भी 17 से 20 रुपये की तेजी आई है.
इन सबके बीच उद्यमी संजय महीपाल ने बताया कि उपभोक्ता मांग निकलने से सोयाबीन एवं सरसों तेल समेत अन्य खाद्य तेलों की कीमतों में इस समय लगातार बढ़ोतरी हो रही है. त्योहारी सीजन के दौरान भारत में खाद्य तेलों की बढ़ती मांग के कारण पाम तेल उत्पादों के आयात में वृद्धि की संभावना से मलेशिया सहित अन्य देशों में कीमतों में उछाल आया है. तेलों की मांग बढ़ने के कारण पाम तेल उत्पादों में आयात बढ़ने की संभावना से मलेशिया सहित अन्य देशों में दाम उछल गए हैं.
तेजी से बढ़ रहे हैं सरसों तेल के रेट्स
उन्होंने आगे बताया कि देशभर में हर महीने खाद्य तेलों की 22 लाख टन औसत खपत है लेकिन दीपावली से एक महीना पहले यह औसत खपत हर वर्ष 40 लाख टन पर पहुंच जाती है. इसके अलावा ज्यादातर खाद्य तेल यूक्रेन के रूट से आ रहे हैं. यूक्रेन में इन दिनों बढ़ते तनाव के कारण खाद्य तेलों को लेकर चिंता का माहौल बना हुआ है. इससे न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी का रुझान बना हुआ है.
सरसों में करीब 850 रुपये की बढ़ोतरी
इससे घरेलू बाजार में भी इनकी कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. हालांकि, यह तेजी लंबे समय तक चलने की संभावना नहीं है. देश भर की उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर एक लाख बोरी रह गई है. इसी साल 15 सितंबर के आसपास श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में सरसों का औसत भाव घटकर 5500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था, जो इन दिनों 6350 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है.
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