पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को कोर्ट ने 3 अगस्त तक ED की हिरासत में सौंपा है। उनके अलावा टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य व चटर्जी के निजी सचिव सुकांत आचार्य भी घेरे में हैं।
शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ कुछ बोलने को तैयार नहीं था। लेकिन अब उन्होंने इस मामले में चुप्पी तोड़ दी है। अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर कैश मिलने के बाद पार्थ चटर्जी ने आज कहा कि समय आने पर सब पता चल जाएगा।
आपको बता दें कोर्ट के आदेश अनुसार पार्थ मेडिकल जांच के लिए ईएसआई अस्पताल ले जाए गए थे। इस दौरान घोटालों के आरोप और साजिश के सवाल पर उन्होंने कह , समय आने पर आप सभी को सबकुछ पता चल जाएगा। उन्होंने कहा, जो पैसा बरामद हुआ है, वह मेरा नहीं है। चटर्जी ने पहले भी कहा था कि मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है।
वहीं ED पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ के बीच ही प्रवर्तन करीब 15 और ठिकानों पर छापे मारने की तैयारी में है। अब तक ईडी ने दो जगह छापों में करीब 50 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं।
जानकारी के मुताबिक ED की जांच पूरी होने के बाद जल्द ही इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो और आयकर विभाग भी शामिल हो सकते हैं। आयकर विभाग बेनामी संपत्ति के मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से सवाल-जवाब कर सकता है।
यह भी सूचना है कि जो चार लग्जरी कारें गायब हैं उनका अभी तक पता नहीं चला है। ED के अधिकारियों को शक है कि इन कारों में रुपये भरकर कहीं भेजे गए।
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