प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का आज सुबह अहमदाबाद के निजी अस्पताल में निधन हो गया। आज सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि पीएम मोदी का अपनी मां से खास लगाव रहा है। उनका प्रेम ऐसा था की जब भी पीएम मोदी का गुजरात दौरा हुआ करता था, तब वो हमेशा कुछ वक्त निकालकर अपनी मां से मिलने जरूर जाया करते थे। चलिए आपको बताते है पीएम मोदी की मां हीराबेन के बारे में उनका जन्म कहां हुआ, वो क्या करती थी, कैसा रहा उनका जिंदगी का सफर
बच्चों को शिक्षा देने के लिए दूसरे के घरों में किया काम
हीराबेन का जन्म गुजरात के पालनपुर में हुआ था। शादी के बाद वह वडनगर शिफ्ट हो गई थीं। हीराबा की उम्र तब महज 15-16 साल थी, जब उनकी शादी हुई थी। घर की आर्थिक और परिवारिक स्थिति कमजोर होने के चलते उन्हें पढ़ाई करने का मौका नहीं मिल सका लेकिन वह अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए दूसरे के घरों में भी काम करने के लिए तैयार हो गई। वो कहते हैं ना मां अपनं बच्चे के लिए कुछ भी कर सकती है हर मुश्किलो को पार कर सकती है फिर चाहें उसे लोगों ले भीख ही क्यों ना मांगनी पड़े। ऐसा ही हीराबेन ने अपने बच्चों की फीस भरने के लिए कभी किसी से उधार पैसे नहीं लिए। हीराबेन चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़ लिखकर शिक्षित बनें।
पीएम मोदी का मां हीरा बेन के प्रति प्रेम और सम्मान जगजाहिर है। वे अक्सर अपनी मां की बातों को याद किया करते हैं। उन्होंने कई कार्यक्रमों में हीराबेन का जिक्र भी किया। कई बार तो स्पीच देते वक्त भी अपनी मां की कई बातों को याद कर भावुक हो जाते थे। दरअसल, हीराबेन उर्फ हीराबा का जीवन संघर्षो से भरा रहा है।
हीराबेन को पूरा गांव डॉक्टर कहा करता था
पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मां हीराबेन सभी तरह के घरेलू उपचार जानती थीं। वडनगर के छोटे बच्चों और महिलाओं का इलाज करती थीं। कई महिलाएं अपनी परेशानी दूसरों को बताने के बजाय हीराबेन को बताती थीं। मेरी मां जरूर अनपढ़ थीं, लेकिन पूरा गांव उन्हें डॉक्टर कहता था।
हीराबेन ने अपना पूरा बचपन अपनी मां के बिना बिताया
हीराबेन के 100 वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा कि उनकी मां हीराबेन का जन्म गुजरात के मेहलाणा जिले के विसनगर के पालनपुर में हुआ था। यह वडनगर के काफई करीब है। हीरा बा की मां यानी पीएम मोदी की नानी का स्पेनिश फ्लू महांमारी से अल्प आयु में ही निधन हो गया था। हीराबेन को अपनी मां का चेहरा भी याद नहीं था। हीराबेन ने अपना पूरा बचपन अपनी मां के बिना बिताया। हीरा बेन का बचपन गरीबी और अभावों में बीता।
घर के खर्चों को पूरा करने के लिए चरखा चलाती थी
पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि कैसे उनकी मां ने केवल घर के सभी काम खुद करती थीं, बल्कि परिवार पालने के लिए दूसरों के यहां काम भी करती थीं। वह कुछ घरों मे बर्तन धोती थीं और घर के खर्चों को पूरा करने के लिए चरखा चलाने के लिए समय निकालती थीं। पीएम मोदी वडनगर के उस छोटे से घर को अक्सर याद करते थे, जिसकी छत और दीवारे मिट्टी की थी। जहां वे अपने माता- पिता और भाई-बहनों के साथ रहते थे। उन्होंने उन असंख्य रोजमर्रा की प्रतिकूलताओं का उल्लेख किया था, जिनका सामना उनकी मां ने किया और सफलतापूरव्क उन पर विजय प्राप्त की थी।