उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात सिपाही की सरेआम हत्या के मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद के परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। जहां कल बसपा विधायक राजू पाल की पत्नी सीएम योगी से अतीक अहमद की धमकी से घबराकर सुरक्षा कि मांग की है। वहीं अब परिवार को घिरता देख अतीक अहमद की पत्नी और बहुजन समाडज पार्टी नेत्री शाइस्ता परवीन ने प्रयागराज के सीजेम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
शाइस्ता परवीन ने धूमनगंज थाने की पुलिस पर लगाया आरोप
बता दें कि शाइस्ता परवीन ने धूमनगंज थाने की पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके बेटों को पुलिस शुक्रवार की रात घर से उठाकर ले गई है और अभी तक उनका कोा भी पता नहीं चल पा रहा है। वहीं थाने की पुलिस के द्वारा कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। शाइस्ता परिवन ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में थाना धूमनगंज से रिपोर्ट मांग ली जाए और आवश्यक कार्यवाही करें। इसके साथ ही पूर्व सासंद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और एडीजि एसटीएफ अमिताभ यश पर विरोधियों से मिलकर पति अतीक अहमद और अतीक के छोटे भाई अशरफ की हत्या की सुपारी लेने का आरोप लगाया है।
शाइस्ता परवीन ने योगी आदित्यना को लिखी चिट्ठी
शाइस्ता परवीन ने योगी आदित्यना को जो चिट्ठी लिखी है उसमें कहा है कि बसपा से महापौर का प्रत्याशी घोषित करने के बाद से यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने महापौर का पद अपने पास रखने के लिए हम लोगों को चुनाव से दूर करने के लिए साजिश रखना शुरू कर दिया था, उसी साजिश के परिणाम स्वरूप एक ऐसे व्यक्ति की हत्या करवाई जिसकी हत्या का आरोप मेरे पति पर लगना अवश्यंभावी था। इतना ही नहीं शाइस्त परवीन ने आगे कहा कहा कि रिमांड के बहाने अतीक अहमद और अशरफ को अहमदाबाद और बरेली जेल से बुलाकर रास्ते में हत्या करवाने की अशंका जताई है। शाइस्ता परवीन ने उमेश पाल हत्याकांड में दर्ज केस की सीबीआई से जांच करवाने की मांग रखी वहीं पुलिस कस्टडी में लिए गए बेटे अहजम और आबान को रिहा करने के लिए गुहार भी लगाई है।
अतीक अहमद ने ही हत्याकांड की साजिश रची!
बता दें कि इस वक्त अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद है और वहीं पुलिस भी उमेश की हत्या को लेकर अतीक से पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद ने ही हत्याकांड की साजिश रची थी। वहीं अतीक अहमद के करीबी प्रॉपर्टी डीलर के डील में उमेश पाल लगातार अड़ंगा डालने लगा था। इस मामले को लेकर यूपी एसटीएप को घटनास्थल से कई अहम सबूत मिले हैं।
जानिए क्या है राजू पाल केस
2005 में अतीक अहमद ने यूपी की फूलपूर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी। इससे पहले अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक थे, लेकिन सांसद बन जाने के बाद उन्होंने सीट खाली कर दी थी। इस सीट खाली होने पर हुए सपा ने अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन इस चुनाव में बसपा उम्मीदवार राजू पाल के भाई अशरफ को हरा दिया था। पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोला मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप नाम के लोगो की भी मौंंत हुई थी। इस मामले में अतीक अहमद मुख्य आरोपी है।
उमेश पाल और गनर की बदमाशों ने गोली मारकर की हत्या
आपको बता दें कि प्रयागराज में शुक्रवार को उमेश पाल और उसके गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वही उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड में गवाह थे। उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी थी। इस दौरान उनकी और उनके गनर की गोली लगने से मौत हो गई। बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था। वहीं राजू पाल हत्यकांड के एक उमेश ही मुख्य गवाह थे। उमेश पाल की हत्या का आरोप भी अतीक अहमद के साथ ही अतीक के भाई, पत्नी शाइसता और दोने बेटों पर लगा हैं।