परिवहन निगम लगातार घोटाले की दलील देकर किराया बढ़ाने की कवायद में जुटा है। निगम का दावा है कि वित्तीय वर्ष 2011-23 में दिसंबर तक ही 210 करोड़ का घाटा हो चुका है। ऐसे में अगर किराया नहीं बढ़ाया गया तो वित्तीय वर्ष खत्म होते-होते यह रकम 250 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं आर्थिक नुकसान के चलते ही निगम चाहकर भी बेड़े में नई बसों को शामिल नहीं कर पा रहा है। ऐसे में निगम ने एक बार फिर शासन को पत्र लिखकर व्यथा बताने के साथ ही किराया बढ़ाने की अनुमती मांगी है।
25 पैसे प्रति किमी की दर से बढ़ेगा रोडवेज
बता दें कि जिससे पहले नवंबर 2022 में पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी। वहीं किराया 25 पैसे प्रति किमी की दर से बढ़ाने की तैयारी है। हर सौ किमी. की यात्रा पर किराया 25 रुपये बढ़ जाएगा। वर्तमान में साधराण बस का किराया 1.05 रुपये प्रति किमी है, जो 1.30 रुपये हो जाएगा। अफसर इसके पीछे नुकसान बढ़ने की दलीले दे रहा हैं। हालांकि, किराया बढ़ने के बावजूद बसों की हालत में सुधार नहीं आ रहा है। खस्ताहाल बसें आए दिन रास्ते में दम तोड़ रही हैं। इनमें आग लगने की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार का रहना है कि यात्रियों को बेहतर सेवा देने के मकसद से बसों का किराया बढ़ाने पर मंथन हो रहा है। वैसे भी वर्ष 2020 के बाद से किराया नहीं बढ़ा है, जबकि यह हर साल बढाने की व्यवस्था है। शासन स्तर पर इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। संजय कुमार ने डीजल की कीमतें बढ़ने और स्पेयर पार्ट्स महंगे होने की दलील दी। यह भी कहा कि रोडवेज का नुकसान बढ़ता जा रहा है। मार्च तक यह 250 करोड़ रुपये हो जाएगा। हालांकि अब तक किराया बढ़ाने की मंजूरी नहीं मिली है। अब नए वित्तीय वर्ष में किराया बढ़ाने की अनुमति मिलने की उम्मीद है।