क्या कर रही है आखिर पुलिस? क्या खोखले है सरकार के सुरक्षा दावे? कब तक बेटियां यूं ही बली चढ़ती रहेंगी? दरअसल ये सवाल हम इसलिए कर रहे है क्योंकि इसका जवाब ना तो यूपी की पुलिस दे रही है और ना ही सरकार के। सुरक्षा दावों के बीच लखीमपुर खीरी में सिलसिलेवार ढंग से बेटियों का कत्ल हो रहा है और प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है। अब खीरी में सरकार के महिला सुरक्षा को लेकर दावा फेल होते नजर आ रहे है। क्योंकि खीरी पुलिस सीएम के दावों पर पलीता लगा रही है।
धारदार हथियार से किया लहूलुहान
एक बार फिर से लखीमपुर खीरी में एक बेटी के साथ रेप की वारदात को अंजाम देने की कोशिश की गई। जब दरिंदें इसमें असफल रहे तो उन्होंने उसे मौत के घाट उतार दिया। आरोपियों ने धारदार हथियार से युवती पर हमला किया जिससे वह लहूलुहान हो गई।
वहीं पुलिस 4 दिन तक घटना को मिनिमाइज करने में लगी रही। जानकारी के मुताबिक 12 सितंबर को युवती से मुस्लिम समुदाय के दो युवकों ने रेप के असफल प्रयास के बाद उसे पीट-पीटकर घायल कर दिया था। जिसके बाद युवती को अस्पताल ले जाया गया। जहां 4 दिन बाद इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई। दरिंदे गन्ने के खेत मे युवती की आबरू लूटना को चाह रहे थे। परिजनों ने बेटी का शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
मामले को निपटाने की कोशिश में पुलिस
वहीं दुसरी तरफ भीरा पुलिस मारपीट, गाली गलौज जैसी मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले को निपटाने और आरोपियों को बचाने की कोशिश में जुटी है। लेकिन अब अपने किये खेल में भीरा पुलिस फंसती नजर आ रही है। अपने आप को फंसता देख भीरा पुलिस ने जो युवती का बयान का वीडियो जारी किया है। उसमें किसी पुरुष की आवाज आ रही है। जबकि दुराचार पीड़ित महिला का बयान सिर्फ महिला सिपाही ले सकती है।
तो क्या पहले दिन से आरोपियों को बचाने की भीरा पुलिस फर्जी स्क्रिप्ट तैयार कर ली थी। यह मामला भीरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है
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