रायबरेली जिल अस्पताल की सफाई व्यवस्था को लेकर आए दिन सवाल होते रहते हैं। इसी का जायजा लेने हमारे न्यूज़ चैनल की टीम जिला अस्पताल पहुंची और हकीकत जानने की कोशिश की। आखिर साफ-सफाई की क्या व्यवस्था है सबसे पहले दिन सफाई इंचार्ज के कमरे में पहुंची और वहां पर जो भी सफाई कर्मचारी आ रहे थे बकायदा उनकी फोटो खींचकर रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए साइन कराए जा रहे थे। ऑनलाइन लोकेशन उनकी कंपनी को भेजा जा रहा था।
साफ-सफाई को लेकर पूछे सवाल
दरअसल रायबरेली के जिला अस्पताल की सफाई की जिम्मेदारी का टेंडर सबफैसिलिटी को दिया गया है और जिला अस्पताल में तैनात इंचार्ज के तौर पर इसकी जिम्मेदारी मोहम्मद फैसल को दी गई है, जो कि अपने कार्य का निर्वाह बखूबी निभाते हुए नजर आए। हमारी टीम यहीं नहीं रुकी टीम ने वार्डों में जाकर वहां पर मरीज के जो ईमानदार हैं उनसे भी जानकारी ली। जिन्होंने साफ तौर पर बताया कि साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर है लेकिन कुछ मरीजों ने बाथरूम की व्यवस्था ठीक ना होने की बात कही। जिस पर वहां पर तैनात इंचार्ज फैसल ने बताया कि सुबह के समय में भीड़ ज्यादा होती है। बाथरूम की सफाई सबसे पहले कराई जाती है लेकिन भीड़ हो जाने के बाद अगर गंदगी उत्पन्न होती है या किसी भी तरह की शिकायत मेरे पास आती है तत्काल में उसको करवाता हूं।
2 शिफ्टों में कराया जाता है सफाई का कार्य
मॉर्निंग की शेप में भी सभी शौचालय व बाथरूम की सफाई कराई जाती है क्योंकि मरीज ज्यादा होते हैं तो गंदगी होती है लेकिन शिकायत मिलने पर उसको तत्काल सही कराना ही हमारा दायित्व भी बनता है। सुबह 6:00 बजे से ही सफाई का कार्य प्रारंभ करा दिया जाता है। बकायदा सभी सफाई कर्मचारी के रजिस्टर में साइन और फोटो खींची जाती है। ताकि कंपनी को उनकी लोकेशन भेजी जा सके साइड इंचार्ज से हमने पूछा कि क्या आपको पहले से पता था कि मीडिया कर्मी यहां पर भी रियल्टी चेक कर रहे हैं। इसकी जानकारी आपको लग गई तो सफाई अभियान तेजी से चलने लगा लेकिन उस पर मुस्कुराते हुए इंचार्ज फैसल ने बताया कि हमको कोई जानकारी नहीं थी कि मीडिया यहां पर है या सफाई का कार नियमित रूप से सुबह 6:00 बजे से चलाया जाता है और 2 शिफ्टों में सफाई का कार्य कराया जाता है।