दिल्ली, नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को किया जाना है। इसे लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। कई राजनीतिक दल इस समारोह का बाहिष्कार कर रहे हैं। अब तक कुल 19 पार्टियां प्रधानमंत्री की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर चुकी है। उनका कहना है कि संसद भवन देश की नींव है ना कि कोई आम ईमारत इसलिए इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए। वहीं इसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि वे राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और उन्हें समारोह में न बुलाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अंहकार की ईटों से नहीं बनती है बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है।
संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 24, 2023
कैसे शुरू हुआ विवाद?
गौरतलब है कि 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है। नई चार मंजिला सीट में लोकसभा की 888 सीट और राज्यसभा की 384 सीट्स हैं। लोकसभा सचिवालय की तरफ से 18 मई को एक बयान जारी किया जाता है, जिसमें कहा गया कि आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक के तौर पर 28 मई को पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इसी बात को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है।
तारिख को लेकर भी जताई जा रही आपत्ति
इसी कड़ी में कांग्रेस का कहना है कि इसे लेकर आपत्ति जताने एक और बड़ी वजह है। पार्टी के मुताबिक भाजपा ने नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए 28 मई की तारीख तय की है, ये तिथि वीर सावरकर की जन्मतिथि है। कुछ समय पहले बीजेपी के आईटी चीफ अमित मालवीय ने एक ट्वीट किया था और लिखा – राष्ट्र के महान सपूत विनायक दामोदर सावरकर की 140वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे।