Jalore News: राजपुरा गांव के आश्रम में सुसाइड करने वाले साधु रविनाथ महाराज (60) का शव 28 घंटे बाद शनिवार सुबह पेड़ से नीचे उतारा गया है। शनिवार सुबह प्रशासनिक अधिकारियों और साधु-संतों के बीच मांगों पर सहमति बनने के बाद संत का शव नीचे उतारा गया। प्रशासन और साधु-संतों के बीच बनी सहमति के अनुसार बाला हनुमान जी आश्रम तक जाने के लिए प्रशासन आधिकारिक तौर पर रास्ता आवंटित करेगा और इस रास्ते को रिकॉर्ड में तरमीम किया जाएगा। आश्रम व सड़क के बीच विधायक की ओर से खुदवाई गई खाई को रेती से भरा जाएगी। इसके अलावा मामले में दर्ज एफआईआर की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
जसवंतपुरा एसडीएम राजेंद्र सिंह ने बताया कि राजपुरा गांव के लोगों-संत समाज के लोगों के साथ हुई वार्ता में उनकी व्यवहारिक और उचित मांगें जो प्रशासन के स्तर पर संभव हो सकती थी, उनको स्वीकार कर लिया गया है। हमने आश्रम तक रास्ता देने की बात मान ली है, जबकि जमीन के खातेदारी के संबंध में हमने साफ मना कर दिया है कि यह संभव नहीं है। उधर मांगों पर सहमति के बाद आश्रम के पास खुदवाई गई खाई को भी जेसीबी की मदद से भरवा दिया गया है।
थानाधिकारी मनीष सोनी ने बताया कि दिवंगत संत के भतीजे बाबूराम पुत्र रणछोड़राम मेघवाल ने विधायक पूराराम चौधरी, ड्राइवर धनसिंह व बींजनाथ उर्फ छोगाराम के खिलाफ साधु को धमकाने, जातिसूचक शब्दों से प्रताड़ित करने और उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है, जिसको लेकर जांच की जा रही है। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इससे पहले शुक्रवार से मांगों के लेकर ग्रामीण श्री बाला हनुमान मंदिर में उपवास पर बैठ गए। साधु-संतों और ग्रामीणों का कहना था कि हमें प्रशासन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। शनिवार सुबह से ही साधु-संतों के साथ ही बड़ी संख्या में महाराज के भक्त जुटना शुरू हो गए। ऐसे में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जालोर जिले के अलावा पड़ोसी जिला सिरोही का भी पुलिस बल तैनात किया था। दिवंगत संत रविनाथ महाराज का वास्तविक नाम वगताराम मेघवाल निवासी पंसेरी है। उनकी पत्नी का नाम काली बाई है। बच्चे नहीं होने पर 20 साल पहले दोनों ने संन्यास ले लिया। पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण पत्नी काली बाई का देहांत हो गया था।आश्रम और सुंधा माता सड़क के बीच भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी की 20 बीघा जमीन है। इस जगह विधायक चौधरी का रिजोर्ट प्रस्तावित है। जमीन करोड़ों की बताई जा रही है। यदि जमीन की चारदीवारी बनाई जाती है तो सड़क से आश्रम जाने का रास्ता बंद हो जाता है। पिछले दो दिनों से इस जमीन की पैमाइश करवाई जा रही थी।