Money Laundering Case: राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को बीकानेर में जमीन खरीदने से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने महेश नागर और अन्य की याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा की मुसीबतें अब इस फैसले के बाद बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट ने महेश नगर और अन्य की याचिका खारिज करने के अलावा फिलहाल दो हफ्ते गिरफ्तारी पर रोक जारी रखने का आदेश देते हुए फौरी राहत भी दी है। इस दौरान परिवादी फिर से अपील भी कर सकते हैं। जोधपुर हाईकोर्ट जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है जहां इस याचिका पर ईडी और वाड्रा के वकीलों के बीच दलीलें बुधवार को पूरी हो गई थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
दरअसल, मामला साल 2018 में बीकानेर के कोलायत में सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। पुलिस ने कोलायत में सरकारी जमीन फर्जीवाड़े के मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद केस को सीबीआई ने टेक ओवर कर लिया, जिसकी जांच चल रही है। कोलायत में सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े को देखते हुए ED ने एक FIR दर्ज की थी।
वहीं आपको बता दें कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ ईडी ने सबूत जुटाने के लिए जांच की है। हालांकि इस मामले में ईडी की ओर से प्रार्थना पत्र लगाया गया है। पूरे मामले को लेकर दोनों पक्षों की बहस के बाद मामले पर फैसला सुरक्षित रखा गया है, जिसके आज आने की उम्मीद है, लिहाजा आज का दिन महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जानें क्या है पूरा मामला
बीकानेर के कोलायत क्षेत्र स्थित जमीन खसरा नंबर 711/499, 710/499 की 120 बीघा जमीन की अधीकृत प्रतिनिधि के रूप में खरीद कर वर्ष 2010 में रजिस्ट्री करवाई गई है। इसके लिये रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा ने एक चेक दिया था । इस चेक के द्वारा बिचौलिए महेश नागर ने अपने ड्राइवर के नाम जमीन खरीदजकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया था। बता दें कि मामले में 2014 में FIR दर्ज हुई थी। इसमें 12.65 हेक्टर सरकारी जमीन के लिए सरकारी कर्मचारी व अधिकारी व भूमाफिया से सांठगांठ कर दस्तावेजबनाकर खरीद-फरोख्त कर सरकारी जमीन हड़पने केमामले में कोलायत के तत्कालीन थानाधिकारी बूटा सिंह ने धारा 420, 467, 468 और 471 में मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश की हैं।