राजस्थान का सियासी ड्रामा के बीच आलाकमान एक्शन में है अब अशोक गहलोत और उनके खेमें के विधायकों के तेवर नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने शाम 5 बजे पूरे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है। हालांकि रिपोर्ट में अशोक गहलोत को क्लीन चिट दी गई है।
वहीं रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस हाईकमान ने एक्शन लेते हुए गहलोत के तीन करीबियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। सोनिया गांधी ने ये रिपोर्ट कार्रवाई के लिए अनुशासनात्मक समिति को भेज दी है।एके एंटनी की अगुवाई वाली अनुशासनात्मक समिति ने अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौर, शांति धारीवाल और महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और 10 दिन में जवाब तलब किया है।
शांति धारीवाल को नोटिस कहा..
जानकारी के अनुसार शांति धारीवाल को नोटिस जारी कर कहा गया है कि आप संसदीय कार्य मंत्री है। फिर भी पार्टी की आधिकारिक प्रक्रिया के तहत बुलाई गई मीटिंग में न जाकर उन्होंने अलग से मीटिंग बुलाई। आपने डायस पर बैठकर बयान दिया और अनुशासनहीनता की। उन्होंने आगे कहा कि आपने विधायकों पर ये दबाव डाला कि वे औपचारिक बैठक में हिस्सा ना लें। आपने ऐसी बैठक बुलाई जिससे ये भ्रम उत्पन्न हुआ कि कौन सी बैठक औपचारिक है। क्योंकि आप इस पद पर है।नोटिस में आगे कहा गया है कि यह तब हुआ जब अजय माकन और मलिकार्जुन खड़गे हर विधायक से वन-टू-वन बात करने आए हैं।
धर्मेंद्र राठौर से मांगा ये जवाब
वहीं धर्मेंद्र राठौर को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि पार्टी की आधिकारिक विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाने का पूरा अरेंजमेंट आपने किया है जो अनुशासनहीनता है। इसके अलावा महेश जोशी को नोटिस में कहा गया है कि आप चीफ व्हिप थे। आपने ही आधिकारिक बैठक के लिए सभी विधायकों को बुलाया और खुद भी समानांतर बैठक में हिस्सा लिया।
जब नोटिस मिलेगा तब जवाब देेंगे-जोशी
हालांकि महेश जोशी ने कहा है कि उन्हें अभी कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि मीडिया में नोटिस आ गया है। लेकिन हमें नहीं मिला। महेश जोशी ने कहना है कि नोटिस मिलेगा तब कुछ कह पाएंगे। उन्होंने धर्मेंद्र राठौर को नोटिस दिए जाने पर कहा कि उनको क्यों नोटिस दिया है ये समझ नहीं आया।