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Rajghat: 32 साल पहले का वो दिन आज भी याद है, तिरंगे में मेरे पिता का शव

Rajghat: 32 साल पहले का वो दिन आज भी याद है, तिरंगे में मेरे पिता का शव था और पीछे-पीछे मेरा भाई, बताते हुए इमोशनल हुई प्रियंका

राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता खत्म होने की वजह से देशभर में जहां शनिवार को प्रर्दशन किया गया। वहीं आज दिल्ली में राजघाट पर सत्याग्रह का संकल्प की घोषणा की गई। इस आंदोलन की जिम्मेदारी पार्टी के अध्यक्ष खरगे और प्रियंका गांधी ने संभाली। वहीं स्पिच देते हुए प्रियंका ने BJP सरकार पर तंज कसा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि इस के देश और यहां के लोकतंत्र को मेरे परिवार ने अपने खून पसीने से सींचा है। प्रियंका गांधी ने आगे कहां हम डरने वालो में से नहीं है। विपक्षी दल के द्वारा किए गए अपमान की चर्चा की। प्रियंका गांधी ने राजघाट पर 32 साल पुराने किस्से का जिक्र किया।

‘आगे मेरे पिता का शव था, पिछे-पिछे मेरे भाई’

उन्होंने कहा कि यहां राजघाट पर बैठे हुए मुझे 32 साल पुराना किस्सा याद आ गया। जब तीन मूर्ति भवन से मेरे पिता की शव यात्रा निकल रही थी। मैं अपने मां और भाई के साथ एक गाड़ी में बैठे थी। सामने फूलों से लदा हुआ भारतीय सेना का एक ट्रक था और ऊपर मेरे पिताजी का शव। थोड़ी देर तक काफिला चला फिर राहुल ने कहा कि मैं उतरना चाहता हूं। उस समय सुरक्षा का मामला था तो मां ने राहुल को उतरने से मना कर दिया। लेकिन जब राहुल जिद पर अडे रहे तो मां ने कहा उतरने दो। राहुल गाड़ी से उतरकर सेना के ट्रक के पीछे चलने लगा। वह कड़ी धूप में तीन मूर्ति से लेकर यहां तक पिता के जनाजे के पीछ चला। फिर यहां से कुछ 500-700 गज दूर मेरे भाई ने मेरे भाई ने पिताजी का अंतिम संस्कार किया।

‘राहुल गांधी को पता ही नहीं कि उनका पिता कौन है’

वो दिन और वो चित्र आज भी मेर जहन में है, जब मेरे पिता का शव तिरंगे में लपेटा हुआ था और उनके जनाजे के पीछे चलते-चलते मेरा भाई यहां तक आया था। इसके बाद प्रियंका अपने परिवार के अपमान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उस शहीद पिता का भरी संसद में अपमान किया जाता है और उस शहीद के बेटे को आप देशद्रोही कहा जाता है। मीरजाफर कहा बताया जाता है। उसकी मां को अपमानित किया जाता है। आपके एक मंत्री तो कहते हैं कि राहुल गांधी को पता ही नहीं कि उनका पिता कौन है।

‘मैं पूछती हूं ऐसा क्यों, क्या भगवान राम परिवारवादी नहीं थे’

वहीं आपके प्रधानमंत्री जी भरी संसद में कहते हैं कि ये परिवार नेहरू नाम का इस्तेमाल क्यों नहीं करता। आप पूरे कश्मीरी पंडित रिवाज का अपमान करते हैं, तो तब आप पर कोई मुकदमा नहीं होता। आपको कोई सजा नहीं मिलती। आपको संसद से कोई नहीं बाहर नहीं निकालता। मैं पूछती हूं आखिर ऐसा क्यों।

इस बीच कांग्रेस महासचिव ने परिवारवाद के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि आप परिवारवादी कहते हैं तो भगवान राम कौन थे। क्या वे परिवारवादी थे।  क्या पांडव परिवारवादी नहीं थे। हमें क्या शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के लोग इस देश के लिए शहीद हो गए।

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