कानूनी शिकंजे में फंसे सपा पार्टी के वरिष्ट नेता आजम खां को जोर का झटक लगा है। दरअसल सपा नेता मोहम्मद आजम खां के मीडिया प्रभारी और करीबी दोस्त फसाहत अली खां शानू आज में शामिल हो गए हैं। उनके साथ ही आजम खां के कई करीबी भी उनका साथ छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। जिसके बाद रामपुर विधानसभ सीट पर उनका किला खत्म समझो। फसाहत अली खां ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रत्याशी आकाश सक्सेना के कार्यालय पर बीजेपी ज्वाइन की। उनके साथ में इरशाद महमूद और अन्य सपाई भी बीजेपी शामिल हुए। इस तस्वीर में मीडिया प्रभारी और अन्य भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने आकाश कुमार सक्सेना के चुनाव कार्यालय जाते दिख रहें हैं।
आजम खान के गढ़ में बीजेपी?
वहीं आजम खान को उनके ही गढ़ रामपुर में हराने में जुटी बीजेपी पार्टी ने समाजवादी पार्टी नेता को एक और झटका दिया है। आजम के खास और उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां उनका साथ छोड़कर भगवा खेमे में चले गए हैं। कानूनी शिकंजे में फंसकर रामपुर से विधायकी गंवा चुके आजम खान को हराने के लिए अब बीजेपी मिशन मोड में जुट गई है। आज उन्हें झटका लगा है।
फसाहत अली क्यों माने जाते है आजम खां के खास
वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए है। इसकी पूरी रणनीति पहले ही बन चुकी थी। सिर्फ घोषणा होनी बाकी थी। प्रदेश अध्यक्ष आज रामपुर दौरे पर है।

आपको बता दें कि शानू की गिनती आजम खां के बेहद करीबी लोगों में होती है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि आजम खां के साथ ही उनपर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। प्रशासन ने गुंडा एक्ट लगाकर दो बार जिला में भी बंद कर चुका है। लेकिन अब शानू खां ने सोमवार को भाजपा में शामिल होने की बात कही थी और आज वों बीजेपी में शामिल हो गए है।
‘अखिलेश जी को हमारे कपड़ों से बदबू आती है’
वहीं शानू खां ने विधानसभा चुनाव के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ एक बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि अब्दुल ही दरी बिछाएगा, अब्दुल ही वोट डालेगा और अब्दुल ही जेल जाएगा। इसके बाद अब्दुल का ही घर टूटेगा। लेकिन मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बनेंगे अखिलेश जी। चुनाव खत्म होने के बाद अखिलेश जी को उनके कपड़ों से भी बदबू आती है।
उनका ये बयान मीडिया में भी कई दिन तक छाया रहा। उस समय ऐसा माना ज रहा था कि ये बयान आजम खां के इशारे पर दिया गया है। वहीं कयास लगाए जा रहे थे कि आजम खां सपा से किनारा कर सकते हैं। लेकिन बाद में खबरे सामने आई कि आजम खां और अखिलेश के बीच की दूरियां कम हो गई