विरासत से सियासत तक चर्चाओं में रहे रामपुर में आजादी के बाद से पहली बार नगर विधानसभा में कमल खिला है क्योंकि पहली बार भाजपा के प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम खान को सियासी शिकस्त देकर रामपुर विधानसभा सीट पर भाजपा को काबिज़ किया है। इसके साथ ही रामपुर के इतिहास को पहचान दिलाने के लिए नवनिर्वाचित विधायक आकाश सक्सेना ने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तो रामपुर की रियासत कालीन ऐतिहासिक धरोहर रजा लाइब्रेरी के प्रचार प्रसार के लिए और विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए प्रस्ताव रखा। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन देकर जल्द ही रामपुर रजा लाइब्रेरी के लिए कुछ बड़ा करने की बात भी कही थी।जिसके बाद विश्व की अमूल्य धरोहर रज़ा लाइब्रेरी के सहारे रामपुर को विश्व पटल पर चमकाने के लिए कवायद तेज हो गई है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा अपनी टीम के साथ रामपुर पहुंचीं और उन्होंने रजा लाइब्रेरी, बापू मॉल व गांधी समाधि सहित शहर के तमाम इलाकों का जायजा लिया जिसके बाद रजा लाइब्रेरी के सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
रामपुर रजा लाइब्रेरी के सहारे रामपुर विश्व पटल पर अपना स्थान बना सकेगा
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा रामपुर में ऐतिहासिक पुस्तकों और पांडुलिपियों के अनमोल खजाने को संरक्षित करने और संवारने के लिए योजना बना रही है जिससे रामपुर के युवाओं में रजा लाइब्रेरी जाने की इच्छा प्रबल हो और रामपुर के बाहर से भी शोधकर्ता यहां आ सकें। इसके साथ ही यूरोप व खाडी देशों के शोधकर्ताओं के लिए रजा लाइब्रेरी को विश्व स्तरीय शोध केंद्र बनाया जाए जिससे ज्ञान के साथ ही रामपुर में रोजगार और रजा लाइब्रेरी की आय में भी इजाफा हो। रामपुर रजा लाइब्रेरी के सहारे रामपुर विश्व पटल पर अपना स्थान बना सकेगा और विदेशी पर्यटकों का आकर्षण बन सकेगा। रज़ा लायब्रेरी के डायरेक्टर का चार्ज संभाल रहे जिलाधिकारी रामपुर रविन्द्र कुमार माँदड़ और विकास कार्यों की रूप रेखा तैयार करने वाले मंडलायुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहे।
वही संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा यह हमारा मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर का लाइब्रेरी है बहुत ही आईकॉनिक लाइब्रेरी है इसे बहुत सारे रियर मैनुस्क्रिप्ट्स है 17,000 रियर मैनुस्क्रिप्ट्स है जो मैंने आज यहां देखी है यहां पर किताबों का भी कलेक्शन है इस रजा लाइब्रेरी को पहचान मिलना चाहिए जो भी मिनिस्ट्री की स्कीम है उसके तहत हम कोशिश करेंगे।
रज़ा लाइब्रेरी 2024 में ढाई सौ साल सेलिब्रेट करेगी
यह रज़ा लाइब्रेरी 2024 में ढाई सौ साल सेलिब्रेट करने वाली है इसलिए इस रज़ा लाइब्रेरी के अंदर जो भी ऐतिहासिक धरोहर है जनता को उसको देखने का मौका मिलना चाहिए इस हिसाब से हम यहां विजिट करने आए हैं। एमएलए साहब ने बहुत सारे सुझाव हमें दिल्ली में दिए थे एमएलए साहब की विज़िट के बाद यह हमारा रामपुर का कार्यक्रम बना है यहां पर इतिहास किताबों में मैनुस्क्रिप्ट्स और आर्टीफैक्ट्स के माध्यम से यहां संग्रह है।आज के हिसाब से नई टेक्नोलॉजी के हिसाब से संग्रह ही नहीं हो सकता, संग्रह का डिस्प्ले भी होना चाहिए जिससे लोग देखें अपने इतिहास को समझें यह लाइब्रेरी का एक म्यूजियम का मकसद होना चाहिए। जिनकी वजह से यह बना है उनका आउटरीच होना चाहिए इतिहास नई जनरेशन के लिए ही फायदेमंद होता है ।