उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बता दें कि मेरठ में लालच देकर 400 लोगों को जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। यह मामला सामने आने के बाद सैकड़ो की संख्या में लोग एसएसपी ऑफीस पर पहुंचे। उन्होंने लालच देकर जबर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया। लोगों ने मेरठ के SSP से इस मामले की शिकायत की।
वहीं पीड़ितों का कहना है कि कुछ लोगों ने कोरोना महामारी के दौरान उनकी मदद की थी। अब वही लोग पीड़ितो को उनके घरों से देवी देवताओं की मूर्तियां/प्रतिमा आदि को हटाने के लिए दबाव बना रहे हैं। पीड़ित लोगों ने धर्म बदलने की पूरी साजिश बीजेपी के मेरठ जनपद के महानगर मंत्री दीपक को बताई। पीड़ितों की बात सुनकर बीजेपी नेता सामने आए और सैंकड़ो लोगों को लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गए। बीजेपी दीपक शर्मा ने बताया कि दलित बस्ती के निवासी लगभग 400 लोगों को बहला- फुसलाकर व धमकाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। बस्ती के लोगों पर हिंदू से ईसाई बनने का दबाव बनाया जा रह है। दीपक शर्मा ने बताया कि धर्म परिवर्तन की इस साजिश को रोकने के लिए वह एसपी कार्यलय पहुंचे है, उन्होंने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
मदद के नाम पर जीता भरोसा फिर बनाया धर्म परिवर्तन का दबाव
बस्ती के लोगों ने बताया की इलाके में अस्थाई रूप से चर्च भी बना दिया गया है। वहीं कोविड काल के दौरान हुए लॉकडाउन मे लोगों के पास काम- धंधे की कमी थी। इसकी वजह से लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज होना पड़ा। इसी बीच ईसाई धर्म के कुछ लोगों ने बस्ती में आकर मदद की। खाने पीने का समान दिया और कुछ पैसे भी दिए। दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा की गई मदद की वजह से बस्ती के लोग उन पर भरोसा करने लगें। लेकिन अब वहीं ईसाई धर्म के लोग बस्ती के लोगों का धर्म बदलवाना चाहते हैं। जब वे दिवाली की पूजा कर रहे थे, उस दौरान झुग्गी- झोपड़ियों में घुसकर तस्वीरे फाड़ दी।कहा कि जब तुम लोगों ने धर्म बदल लिया है, तो ये सब क्यों कर रहे हो. विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी।

क्या कहती है पुलिस:
इस मामले में एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना है कि ब्रह्मापुरी के मंगतपुरम के रहने वाले कुछ लोग एसएसपी ऑफिस गए थे। लोगों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया है. आरोप है कि दूसरे धर्म के लोग जबरन धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं. आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. मामले की जांच पड़ताल कर उचित कार्रवाई की जाएगी.