रुस और युक्रेन युद्ध की वजह से पूरी दुनिया में तेल की कीमतों में उछाल से तहलका मचा है..तेल में कीमत में बढ़ोतरी का असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ता है..ऐसे में अगर तेल की कीमत में बदलाव की बात हो तो आम लोगों को भय रहता है कहीं फिर से कीमत न बढ़ा दें..
आपको बता दें कि एनालिस्ट फर्म जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी के एनालिस्ट ने चेतावनी दी है..कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है..
ब्लूमबर्ग की रिर्पाट के अनुसार जेपी मॉर्गन एनालिस्ट का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के जुर्माने की वजह से रुस कच्चे तेल की कीमतों में कटौती कर सकता है..जिससे वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते है..
दरअसल हाल ही में रूस में G-7 देशों की बैठक हुई थी..जिसमें कच्चे तेल के आयात को लेकर नई नीति पर बात हुई है..जिसमें फैसला लिया गया है कि वो रुस के तेल के आयात को सशर्त मंजूरी देंगे..
इसके लिए चुकाई जाने वाली कीमत पहले से तह होगी.. G-7 देशों का इरादा युक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन की आर्थिक स्थिति पर चोट करना था..
जेपी मॉर्गन के अनुसार रुस रोजाना की दर से 50 लाख बैरल तक कटौती कर सकता है.. जानकारी के मुताबिक रुस चुप नहीं बैठेगा..वह तेल के निर्यात में कटौटी कर सकता है..अगर रुस निर्यात घटाने के लिए उत्पाद में कमी करता है तो..पूरी दुनिया में तहलका